टाउन हाल का तिरंगा फटा, प्रशासन बेखबर
जागरण संवाददाता, झज्जर : देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीरों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा की देश की आन-बान-शान जिस तिरंगे के लिए वे अपने प्राण न्यौछावर कर रहे हैं उनके ही देश में तिरंगे झंडे की इतनी दुर्दशा होगी। सरे आम राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया जाएगा, वह भी शहर के बीचों बीच। शहर की एतिहासिक इमारत टाउन हाल पर लहरा रहा राष्टीय ध्वज फटा हुआ है। वीरों के बलिदान का प्रतीक के रूप में लगाई गई केसरिया रंग की पट्टी टाउन हाल पर लगाए गए राष्ट्रीय ध्वज में फटी हुई है। बावजूद इसके किसी अधिकारी या कर्मचारी की नजर इस पर नहीं पड़ रही है। पिछले दिनों इमारत की मरम्मत के बाद तात्कालिक एसडीएम ने यह ध्वज फहराया था। यह भवन झज्जर नगरपालिका के अंतर्गत आता है, लेकिन इस तरफ न तो जिला प्रशासन के अधिकारी, न पुलिस प्रशासन के अधिकारी और न ही नगरपालिका के अधिकारी इस ध्वज को बदलवाने की जहमत उठा रहे हैं। सरे आम राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हो रहा है।
15 जनवरी 1922 को फहरा था तिरंगा
इतिहास में 15 जनवरी 1922 का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया था। इस दिन टाउन हाल पर पंडित श्रीराम शर्मा ने भारी जन सैलाब के साथ लोकमान्य तिलक व महात्मा गांधी के चित्र के साथ तिरंगा झंडा लहराया तो अंग्रेज उपायुक्त इसे बर्दास्त नहीं कर पाए और लाठी चार्ज कर झण्डे को उतरवा दिया गया। श्रीराम शर्मा को जीप के पीछे बांध कर घसीटा गया और उनको कोड़े भी मारे गए। इन यातनाओं के बाद भी उनका हौंसला नहीं टूटा वे भारत माता की जय बोलते रहे। उसके बाद उन्हें अंबाला जेल में डाल दिया गया।
होगी उचित कार्रवाई : डीएसपी
उप जिला पुलिस अधीक्षक धीरज कुमार का कहना है कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच करवाकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएंगी।