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तनाव से मुक्ति में कारगर है योग

By Edited By: Published: Wed, 16 Apr 2014 11:15 PM (IST)Updated: Wed, 16 Apr 2014 11:15 PM (IST)
तनाव से मुक्ति में कारगर है योग

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शहर के रेलवे रोड पर बालाजी मंदिर में चल रहे निश्शुल्क योग शिविर के दौरान योगनिष्ठ सत्यपाल वत्स ने साधकों को विभिन्न आसनों से अवगत कराया। साथ ही उन्हे प्रतिदिन योग करने के लिए प्रेरित किया गया।

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योगनिष्ठ वत्स ने बताया कि प्रतिदिन सुबह उठकर हमें आसन, प्राणायाम करने चाहिए। इससे हमारा शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है और बीमारियां नहीं आती। उन्होंने मंडूकआसन, वक्रासन, मकर आसन, मर्कटासन, मयूर आसन, हलासन, शीर्षासन, शवासन सहित अन्य यौगिक क्रियाएं करवाई। उन्होंने प्राणायाम के अलावा कपालभांति, बाह्यंप्राणायाम, अनुलोम विलोम, सहित अन्य प्राणायाम कराए। इसके लाभ भी उन्होंने बताए। उन्होंने कहा कि योग करने से मस्तिष्क भी ठीक रहता है और काम करने में भी मन लगता है। वर्तमान में मनुष्य के लिए योग करना बेहद जरूरी हो गया है क्योंकि मनुष्य भागदौड़ भरी जिंदगी में हर समय कार्य में लगा रहता है। उन्होंने कपालभांति प्राणायाम को सभी प्राणायामों का राजा बताया और कहा कि इसके अभ्यास से असाध्य रोग भी दूर हो जाते है। किडनी, फेफड़े, लीवर, पैंक्रियाज सक्रिय हो जाती है, छोटी आंत व बड़ी आंत जिनमें मल जम जाता है वह साफ हो जाता है। कपालभाति से हजारों अन्य रोग भी दूर हो जाते है। भ्रामरी प्राणायाम से मानसिक रोग भी दूर हो जाते है ओर मानसिक शांति मिलती है, डिप्रेशन, चंचलता व माइग्रेन जैसे रोग भी दूर होते है। मनुष्य को फास्ट फूड से परहेज करना चाहिए और प्रतिदिन कम से कम एक घंटा सुबह व एक घंटा शाम को योग के अभ्यास के रूप में व्यायाम करना चाहिए। इससे मनुष्य का शरीर चुस्त दुरुस्त रहता है।


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