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पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा शातिर विनोद

By Edited By: Published: Wed, 16 Apr 2014 11:14 PM (IST)Updated: Wed, 16 Apr 2014 11:14 PM (IST)
पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा शातिर विनोद

जागरण संवाददाता, झज्जर:

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दो राज्य, आधा दर्जन जिले और चालीस संगीन वारदातों के केस। यह है हरियाणा पुलिस का मोस्टवांटेड विनोद। वर्षो से पुलिस को इस शातिर बदमाश की तलाश है। उस पर 50 हजार रुपये का इनाम भी रखा हुआ है। इसके बावजूद अभी तक किसी भी जिले या राज्य की पुलिस को विनोद हाथ नहीं लग पाया है। मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल 14 बदमाशों में से अभी तक जिला पुलिस के हत्थे सिर्फ एक ही चढ़ पाया है।

मूल रूप से भिवानी के मिताथल गांव का रहने वाला विनोद कई सालों से पुलिस को चकमा देता रहा है। उसके खिलाफ झज्जर, रेवाड़ी, भिवानी, महेंद्रगढ़ और हिसार आदि जिलों के विभिन्न थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, फिरौती व अन्य आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के 38 केस दर्ज हैं। राजस्थान के चुरू में भी उसके खिलाफ दो केस दर्ज हैं। विनोद कुछ वर्ष पूर्व भिवानी पुलिस के पीछे करने पर रेवाड़ी की ओर भाग निकला था। वहां पुलिस के साथ मुठभेड़ के बावजूद वह फरार होने में कामयाब हो गया। पुलिस ने उस पर 5 हजार रुपये का इनाम रखा हुआ है। जिला पुलिस की मोस्टवांटेड सूची में उसके खिलाफ सबसे अधिक अभियोग अंकित हैं। विनोद के बाद सबसे बड़ा इनामी बदमाश ज्ञानेंद्र है। उसके खिलाफ हत्या के दो मामले दर्ज हैं। उस पर सबसे अधिक एक लाख रुपये का इनाम रखा हुआ है। पचास हजार रुपये के ईनामी बदमाशों में नूना माजरा का अनिल उर्फ लीला है, जिसके खिलाफ चार अभियोग दर्ज हैं। जींद के पिल्लूखेड़ा निवासी सुरेंद्र पर भी पुलिस ने इतना ही इनाम रखा हुआ है। 25 हजार रुपये के इनामी बदमाशों में बादली निवासी संजय और सांपला निवासी नीरज शामिल हैं। इन दोनों पर भी विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज हैं। दस हजार रुपये के इनामी बदमाशों में फरमाना निवासी मंगल व ग्वालिशन निवासी जितेंद्र शामिल हैं। पुलिस की सूची में 14 मोस्टवांटेड थे, जिनमें से एक काला को गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि पुलिस मोस्टवांटेड को पकड़ने के लिए समय-समय पर अभियान शुरू करती है, लेकिन उसे इसमें खास सफलता नहीं मिल पाती। बड़े बदमाश पुलिस को लगातार छका रहे हैं।

बिना फोटो कैसे हो पहचान

सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस के पास मोस्ट वांटेड की पहचान के लिए फोटो तक नहीं हैं। 13 मोस्टवांटेड में से पुलिस के पास सिर्फ तीन के ही फोटो हैं। अगर कोई मोस्टवांटेड किसी नए अधिकारी या पुलिस कर्मचारी के सामने आ भी जाए, तो उसे पहचानना आसान नहीं होगा।

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मोस्टवांटेड से लेकर पीओ और बेल जंपरो तक को पकड़ने के लिए सभी थाना प्रबंधकों और अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए हुए हैं। पीओ और बेल जंपरों को बड़ी संख्या में पकड़ा भी गया है। अभियान आगे भी चलता रहेगा।

-बलबीर सिंह, एसपी, झज्जर।


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