कच्चे स्थान पर गेहूं का भंडारण किया तो एफसीआई नहीं करेगी उठान
जागरण संवाददाता, झज्जर : इस बार गेहूं की सरकारी खरीद के बाद अगर किसी भी खरीद एजेंसी ने गेहूं का भंडारण कच्चे स्थान पर किया तो एफसीआई उस गेहूं का उठान नहीं करेगी। सभी खरीद एजेंसियों को गेहूं का भंडारण पक्के स्थान व गोदामों में ही करना होगा। अन्य था कच्चे स्थान पर गेहूं लगाया और वह खराब हुआ तो इसकी जिम्मेदार भी संबंधित खरीद एजेंसी ही होंगी, क्योंकि कच्चे स्थान पर गेहूं के चट्टे लगाने से नीचे लगाया गया गेहूं अधिक खराब होता है। वर्षा के दिनों में पानी भी इसके नीचे घुस जाता है और गेहूं सड़ जाता। इसे लेकर प्रदेश की सभी खरीद एजेंसियों को खाद्य आपूर्ति विभाग के उपनिदेशक की तरफ से एफसीआई के निर्णय के अनुसार पत्र भेजा गया है।
सभी खरीद एजेंसियां भारतीय खाद्य निगम के आधार व नियमों के अनुसार ही गेहूं की खरीद करती हैं। गेहूं की खरीद के बाद सभी एजेंसियां भारतीय खाद्य निगम को ही देती हैं। देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना लागू होने के बाद गेहूं का उठान जल्दी हो जाता है और गोदाम भी गेहूं की फसल आने तक लगभग खाली हो जाते हैं। हालांकि इस बार गेहूं के भंडारण के लिए अधिक समस्या आने वाली नहीं है। क्योंकि प्रदेश के अधिकांश गोदाम खाली हो चुके हैं।
झज्जर में बढ़ा एफसीआई का शेयर : इस बार झज्जर जिले में केंद्रीय एजेंसी भारतीय खाद्य निगम का गेहूं खरीद के लिए शेयर बड़ा है। इससे पहले एफसीआई एक मंडी में भी आधी खरीद करती थी। लेकिन इस बार तीन अनाज मंडियों में एफसीआई की खरीद होगी। माजरा डी मंडी में एफसीआई चार दिन, बेरी में तीन दिन व छारा में सभी दिन एफसीआई की ही सरकारी खरीद होगी। इस एजेंसी के गोदाम सभी स्थानों पर हैं।
पचास हजार एमटी के गोदाम : अकेले झज्जर जिले की ही बात की जाए तो खरीद एजेंसियों के पास गेहूं के भंडारण के लिए करीब पचास हजार एमटी के गोदाम हैं। इनमें खाद्य आपूर्ति विभाग के पास साढे 6 हजार एमटी के अपने गोदाम हैं तो साढे़ चार हजार एमटी के गोदाम मार्किट कमेटी के लिए हुए हैं। एफसीआइके पास झज्जर के तलाव गांव में 7500 एमटी के गोदाम हैं। इसके अलावा रोहतक में भी एफसीआई के काफी गोदाम हैं। हैफेड के पास झज्जर के तलाव गांव में ही करीब 25 हजार एमटी गेहूं की भंडारण क्षमता वाले गोदाम हैं। इसके अलावा पक्के प्लेट फार्म भी है। इतना ही नहीं हरियाणा वेयर हाउस कॉरपोरेशन के पास भी झज्जर जिले में करीब पांच हजार एमटी की क्षमता वाले गोदाम हैं।
खरीद एजेंसी होगी जिम्मेदार : डीएफएससी
जिला खाद्य आपूर्ति एवं नियंत्रक अधिकारी डॉ. प्रेमपाल का कहना है कि सभी खरीद एजेंसियों को इस बारे में अवगत करा दिया गया है। इसके बाद भी अगर गेहूं कच्चे स्थान पर लगाया और गेहूं खराब हुआ तो संबंधित खरीद एजेंसी इसकी जिम्मेदार होगी।