'मतभेद' पर हावी रहा भाईचारा
जागरण संवाददाता, झज्जर : समर्थक अलग-अलग दलों और प्रत्याशियों के। पोलिंग बूथों के पास बैठक एक साथ। अपने-अपने प्रत्याशी की जीत के दावे, लेकिन होठों पर मुस्कान। कुछ ऐसा ही नजारा रहा अधिकांश मतदान केंद्रों का। कहीं किसी तरह के तनाव की स्थिति देखने को नहीं मिली, जिससे मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
जब प्रत्याशियों के समर्थक पोलिंग बूथों के बाहर झंडे और बैनर लगाकर मतदाताओं की पर्ची बनाने के लिए काउंटर लगाते थे, तो अक्सर पर्ची बनाने को लेकर ही विवाद खड़ा हो जाता था। ऐसा माना जाता था कि जो मतदाता जिस पार्टी के काउंटर से वोटर स्लिप लेगा, वह उसी पार्टी के पक्ष में मतदान करेगा। पार्टी समर्थक पर्ची बनाने के लिए मतदाताओं को अपनी-अपनी ओर खींचने का प्रयास करते थे। इससे उनमें विवाद हो जाता था। यह विवाद बड़े झगड़े का रूप भी धारण कर लेता था। इस बार चुनाव आयोग के आदेशानुसार बड़ी संख्या में मतदाताओं के घरों पर ही फोटोयुक्त वोटिंग स्लिप भेज दी गई थीं। जिस कारण मतदान केंद्रों पर पर्ची बनवाने की जरूरत बहुत कम लोगों को ही पड़ी। साथ ही इस बार चुनाव आयोग ने सख्त आदेश दिए थे कि किसी भी पार्टी के लोग मतदान केंद्र के बाहर अपना काउंटर तो लगा सकते हैं, लेकिन उन पर किसी तरह का बैनर, झंडा या पोस्टर नहीं लगाया जाएगा। इन आदेशों के बाद बड़ी संख्या में बूथों पर काउंटर ही नजर नहीं आए। सबसे बड़ी बात यह रही कि अधिकांश बूथों पर विभिन्न दलों के समर्थक एक साथ बैठकर भाईचारे का परिचय देते रहे। बाहर से आने वाले लोगों के सवाल सभी अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत का दावा करते रहे, लेकिन वह भी मुस्कुराहट के साथ। उनके आपस में किसी तरह का कोई तनाव नहीं देखा गया। कई मामलों में समर्थक आपस में एक-दूसरे का सहयोग भी करते नजर आए। पार्टी समर्थकों के भाईचारे को देखते हुए सुरक्षाकर्मी भी महज ड्यूटी की औपचारिकता ही पूरी कर रहे थे।
एजेंटों में भी नहीं रही खींचतान
कई बार पोलिंग बूथों पर कई मामलों को लेकर एजेंटों में भी खींचतान हो जाती है। इस बार एजेंटों ने ऐसा नहीं किया। विभिन्न प्रत्याशियों के एजेंट होने के बावजूद वे आपस में मिल-जुलकर मतदान प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में भूमिका निभा रहे थे। एजेंटों ने पोलिंग बूथों पर शांति व्यवस्था बनाए रखने में सराहनीय भूमिका अदा की।