Move to Jagran APP

अंतरराष्‍ट्रीय मार्केट से जुड़े नशा तस्‍करों के तार, यहां हर माह पकड़ी जा रही 15 किलो स्मैक

लोगों की नसों में जहर घोलकर जिंदगी बर्बाद करने वाले नशीले पदार्थों का काला धंधा साल-दर-साल पैर पसारता जा रहा है। हिसार में औसतन प्रति माह 15 किलो से अधिक नशीले पदार्थ पकड़े जा रहे हैं

By manoj kumarEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 02:13 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 06:04 PM (IST)
अंतरराष्‍ट्रीय मार्केट से जुड़े नशा तस्‍करों के तार, यहां हर माह पकड़ी जा रही 15 किलो स्मैक
अंतरराष्‍ट्रीय मार्केट से जुड़े नशा तस्‍करों के तार, यहां हर माह पकड़ी जा रही 15 किलो स्मैक

हिसार, हांसी [मनप्रीत सिंह] लोगों की नसों में जहर घोलकर जिंदगी बर्बाद करने वाले नशीले पदार्थों का काला धंधा उपमंडल हिसार के हांसी और आसपास के क्षेत्रों में साल-दर-साल पैर पसारता जा रहा है। जिला पुलिस द्वारा औसतन प्रति माह 15 किलो से अधिक नशीले पदार्थ पकड़े जा रहे हैं। नशे के गोरखधंधे से जुड़े मास्टरमांइड तस्करों पर पूरी तरह से शिकंजा कसने के प्रयासों में जुटी पुलिस भी नशीले पदार्थों पर लगाम लगाने में बेबस नजर आ रही है। हालांकि हांसी जिला पुलिस इस साल 14 करोड़ रुपये से अधिक के नशीले पदार्थों को पकड़कर 80 तस्करों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस द्वारा पकड़े गए नशे के सामान में स्मैक और चरस की मात्रा सबसे अधिक है।

prime article banner

पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि हांसी और आसपास के क्षेत्रों में नशीले पदार्थों की तस्करी में तेजी आई है हालांकि पुलिस ने भी नशीले पदार्थों के कारोबार पर नकेल कसने के लिए प्रयास तेज किए हैं। आंकड़े बताते हैं कि जिला पुलिस ने इस साल औसतन हर महीने नशीले पदार्थों की 6 बड़ी खेप पकड़ी हैं और इतने ही तस्करों को प्रति माह पकडऩे में सफलता हाथ लगी है। इस साल पुलिस 180 किलो से अधिक नशीले पदार्थ पकड़ चुकी है। इस साल अब तक पुलिस ने 80 तस्करों को गिरफ्तार किया है, लेकिन सरगना तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पाए हैं।

राजथल के तार नशे की अंतरराष्ट्रीय मार्केट से जुड़े

नारनौंद के गांव राजथल के तार नशे का धंधा करने वाले अंतरराष्ट्रीय सरगनाओं से जुड़े हैं। इस गांव के कई युवा नशीले पदार्थों की तस्करी से जुड़े हैं। इसी महीने हांसी बस स्टैंड से दो किलो स्मैक की खेप के साथ पकड़े गए तस्कर सचिन का संबंध भी राजथल से ही मिला था। पुलिस के लिए सबसे बड़ा सिर दर्द यह है कि नशीले पदार्थों की बिक्री व तस्करी में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। शहर की गणेश कालोनी, इंदिरा कालोनी और कालेज रोड पर महिलाओं को नशीले पदार्थ बेचते हुए सरेआम देखा जा सकता है। यह बात पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि नशे की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में हांसी व आसपास के क्षेत्रों का नाम मशहूर है।

नशीले पदार्थों को पकडऩे के लिए बनाई स्पेशल नार्कोटिक्स टीम

जिला पुलिस ने नशीले पदार्थों के धंधे पर नकेल कसने के लिए स्पेशल नार्कोटिक्स टीम का गठन किया है। एक्सपर्ट अधिकारियों से लैस ये टीम नशीले पदार्थों की कई बड़ी खेप पकड़ चुकी है।

नवंबर में पुलिस ने पकड़े नशीले पदार्थ

नशीला पदार्थ     -केस - तस्कर पकड़े     - मात्रा - अंतरराष्ट्रीय कीमत (रुपये में)

अफीम   3             3      930 ग्राम        5 लाख

भुक्की   1              1      150 ग्राम         10 लाख

चरस     10          14     3.875 किग्रा     4 करोड़

स्मैक  19             29    8.321 किग्रा      8.5 करोड़

गांजा    28            33   168.394 किग्रा  1.5 लाख

उत्‍र प्रदेश और मध्‍य प्रदेश में भी की है छापामारी

एसपी विजेंद्र विज ने कहा कि जिला पुलिस नशीले पदार्थों के सौदागरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। स्पेशल नार्कोटिक्स टीम इस काम जुटी है। जिला पुलिस की टीमों ने हाल ही में नशीले पदार्थों की तस्करी के कई बड़े मामले पकड़े हैं। पुलिस इस क्षेत्र को नशीले पदार्थों की तस्करी से मुक्त करने में जुटी है। तस्करों को पकडऩे के लिए टीम ने इस क्षेत्र के अलावा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में छापेमारी की है।

एक ग्राम स्मैक और खेल करोड़ों का

क्षेत्र में स्मैक के नशे की डिमांड सबसे ज्यादा है। यही कारण है कि स्मैक के सबसे अधिक मामले पकड़े जा रहे हैं। एक ग्राम स्मैक से दस पुडिय़ा बनाई जाती हैं। प्रत्येक पुडिय़ा की कीमत सौ से 300 रुपये तक होती है। स्मैक के नशे के आदी हो चुके नशेडिय़ों ने बताया कि सप्लाई कम होने पर इसकी कीमत 500 रुपये तक बढ़ जाती है। एक ग्राम से दस पुडिय़ा के खेल को देखें तो एक किलो स्मैक कई करोड़ रुपये में बिकती है, जबकि इसकी वास्तविक कीमत कुछ लाख ही होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.