दिलों को छू गया जागरण फिल्म फेस्टिवल
हिसार में दिल को छू लेने वाली फिल्मों के साथ जागरण फिल्म फेस्टिवल का समापम हो गया। इस दौरान सिनेमा प्रेमियों ने एक से बढ़ कर एक फिल्मों का आनंद लिया।
जागरण संवाददाता, हिसार। फिल्मी रंगों और तरानों से सजा दैनिक जागरण का सातवां फिल्म फेस्टिवल शहरवासियों के दिलों को छू गया। तीन दिन तक पूरा शहर जागरण फिल्म फेस्टिवल में डूबा रहा। कुछ लोग फिल्मों का आनंद उठाने से वंचित भी रह गए। बावजूद इसके भी लोगों ने खुद को जागरण से जुड़ा पाया। सभी ने जागरण के फिल्म फेस्टिवल की तारीफ की ।
लोगों ने अगले साल फिर यादगार फिल्में दिखाने की गुजारिश की। बुजुर्गों ने जहां गीत गाया पत्थरों ने फिल्म से अपनी पुरानी यादें ताजा की, वहीं फिल्म लाल रंग लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। हरियाणवी पृष्ठभूमि और हरियाणवी भाषा में बनी इस फिल्म ने अलग समां बांध दिया। लोगों में जोश सातवें आसमान पर था। वहीं इंद्र देव भी शहर पर मेहरबान नजर आए और खूब बारिश हुई। इससे फिल्म फेस्टिवल को चार चांद लग गए।
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दृश्य के साथ दर्शकों के भाव बदलते रहे और हंसी-ठिठोली चलती रहीं। वहीं दैनिक जागरण के फिल्म संपादक व प्रख्यात फिल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज और लाल रंग फिल्म के निदेशक सैयद अहमद अफजल दर्शकों से रूबरू हुए। दर्शकों ने दोनों से सवाल-जवाब किए और फिल्म निर्माण के बारे में जाना। दर्शकों ने लाल रंग फिल्म से जुड़े सवाल किए और अपनी जिज्ञासा शांत की।
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हिसार में जागरण फिल्म फेस्टिवल के दौरान फिल्म का अानंद लेते दर्शक।
फिर आने के वादे के साथ संपन्न हुआ फिल्म फेस्टिवल
जागरण फिल्म फेस्टिवल को लेकर दिलों में जोश सारी हदें पार कर गया । हर कोई जागरण फिल्म फेस्टिवल की सराहना कर रहा था। दर्शकों से जब फेस्टिवल टीम ने अगले साल फिर आने के वादे के साथ विदाई ली तो लोगों के चेहरों पर मायूसी साफ नजर आई। दर्शकों ने कहा कि उन्हें जागरण फिल्म फेस्टिवल का इंतजार रहेगा। जागरण ने उनकी पुरानी यादें जिंदा कर दीं। वह जागरण फिल्म फेस्टिवल के आभारी हैं और अगले साल का इंतजार करेंगे।
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