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हो जाएं सावधान : 25 की उम्र में ही 80 फीसद युवाओं की आंखों के विजन मसल्स कमजोर

अपने लाइफ स्‍टाइल और आदतों के कारण हरियाणा के युवा आखों समस्‍या की चपेट में आ रही है। 25 साल तक के युवाओं की नजरें धुंधली हो रही हैं। ऐसे 80 फीसद युवाओं के विजन मसल्‍स कमजोर हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 06:06 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 12:27 PM (IST)
हो जाएं सावधान : 25 की उम्र में ही 80 फीसद युवाओं की आंखों के विजन मसल्स कमजोर
हो जाएं सावधान : 25 की उम्र में ही 80 फीसद युवाओं की आंखों के विजन मसल्स कमजोर

रोहतक, [पुनीत शर्मा]। हरियाणा के गबरुओं की आंखें कमजोर हो रही हैं। गलत लाइफ स्‍टाइल और आदतों के कारण उनकी नजरें धुंधली हाे रही हैं। यह समस्‍या 25 वर्ष तक के युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। 25 वर्ष तक के 80 फीसद युवाओं की विजन मसल्स कमजोर पाई जा रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि समय से और पोषित खाना न लेने, मोबाइल, कंप्यूटर व टीवी का अधिक प्रयोग करने के चलते युवा आंखों की गंभीर समस्‍या के शिकार हो रहे हैं।

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रोहतक पीजीआइएमएस में साइनेप्टोफोर मशीन पर किए जा रहे परीक्षण में हुआ खुलासा

सबसे खतरनाक यह हे कि अधिकतर युवा इस समस्‍या से काफी समय तक अनजान बने रहते हैं या उसकी अनदेखी करते हैं। स्थिति यह है कि रोहतक पीजीआइएमएस (पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) के ऑप्थलमोलॉजी डिपार्टमेंट की ओपीडी में आने वाले 25 फीसद तक मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें चश्मा नहीं लगा हुआ है, लेकिन उनकी विजन मसल्स कमजोर पाई गई। वैसे इस आयु वर्ग के युवाओं के लिए विजन मसल्स पावर (बायोक्टर पावर) 25-30 के बीच होनी चाहिए,लेकिन यह 15 से भी कम पाई गई है। 

 

पीजीआइ के ऑप्थलमोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रतिदिन औसतन 450 मरीज अपनी आंखों का इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं। इनमें से 75 फीसद मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें आंखों की बड़ी समस्या होती है। 25 फीसद मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें चश्मा लगा हुआ नहीं होता है, लेकिन आंखों में पानी आना, टीवी देखने और मोबाइल का प्रयोग करते समय आंखों में दर्द होने की शिकायत होती है। ऐसे मरीजों की साइनेप्टोफोर नामक मशीन से जांच करते हुए उनकी विजन मसल्स पावर की जांच की जाती है।

विजन मसल्स कमजोर होने के कारण लोगों को आंखों से दिखने लगता है धुंधला

आंकड़ों में सामने आया है कि पांच वर्ष से 25 वर्ष तक के 80 फीसद युवाओं की मसल्स पावर न्यूनतम मसल्स पावर 25-30 से कम पाई गई। ऐसे युवाओं की (²ष्टि कनवर्जन इनसफिशिएंसी) कम होने के कारण पढ़ते समय, मोबाइल, टीवी का प्रयोग करते समय मासपेशियों में दर्द होना, आंखों से पानी आना समेत अन्य प्रकार की समस्याएं होती हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि कि यदि किसी भी युवा को एसथेनोपिया (मासपेशियों का नजदीक से देखने में लाचार होना) की समस्या है तो वे साइनेप्टोफोर मशीन पर अपनी जांच अवश्य कराएं।

पोषित खानपान और अधिक कंप्यूटर व मोबाइल के प्रयोग के कारण कमजोर हो रहीं मसल्स

चिकित्सकों के मुताबिक दुबले पतले शरीर वाले, प्रोटीन की कमी वाले, अधिक नजदीक से पढऩे वाले युवाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है। ऐसे युवाओं को समय पर खाने के साथ, प्रोटीन डाइट अधिक लेना चाहिए और ठीक होने तक प्रतिमाह विजन मसल्स पावर की जांच अवश्य करानी चाहिए।

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'' ओपीडी में आने वाले करीब 80 फीसद युवाओं की विजन मसल्स पावर कमजोर पाई गई हैं। सामान्यत: यह कम से कम 25-30 होनी चाहिए, लेकिन अधिकतर युवाओं की 15 से भी कम पाई जाती है। ऐसे युवाओं को लगातार अधिक देर तक न तो पढऩा चाहिए और न ही टीवी, मोबाइल व कंप्यूटर पर कार्य करना चाहिए। लंबे समय तक पढऩे वाले, कंप्यूटर पर कार्य करने वाले युवाओं को बीच-बीच में उठकर आंखों की मसल्स को हल्के हाथ से दबाते हुए राहत देनी चाहिए।

                                                   - डाॅ. अशोक राठी, प्रोफेसर, ऑप्थलमोलॉजी विभाग, पीजीआइएमएस।

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