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संत बिना परमात्मा से मिलन संभव नहीं : कृष्णानंद

संवाद सहयोगी, हिसार : खरड़ अलीपुर स्थित स्वामी दीप्तानंद अवधूत आश्रम में सतगुरु बंदीछोड़ घीसासंत महारा

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 01:01 AM (IST)
संत बिना परमात्मा से मिलन संभव नहीं : कृष्णानंद
संत बिना परमात्मा से मिलन संभव नहीं : कृष्णानंद

संवाद सहयोगी, हिसार : खरड़ अलीपुर स्थित स्वामी दीप्तानंद अवधूत आश्रम में सतगुरु बंदीछोड़ घीसासंत महाराज की अखंड वाणी का संपूर्ण भोग लगाया गया। सत्संग में भारी संख्या में साध संगत ने शिरकत की। स्वामी कृष्णानंद ने बताया कि हर जीव के अंदर परमात्मा का वास है। लेकिन उस जीव की बलिहारी हैं, जिस घटर में वहां परमपिता परमात्मा को प्रकट कर दिया। उस परमपिता परमात्मा को नमन है। संतों का मिलना मुश्किल है, परमात्मा का मिलना मुश्किल नहीं है। वह तो पहले ही हाजिर है। जब सतगुरु की कृपा होती है तो वह भी मिल जाता है। जिस तरह रामलीला वाले जब पर्दा हटाते हैं तो जो पीछे स्वरूप है, दिखाई देने लग जाता है। इसी प्रकार जीव के आगे जो पर्दा लगा हुआ है, उसे पूर्ण सतगुरु हटा देते हैं। तब हमें परमात्मा दिखाई देने लग जाते हैं, कहीं से ढूंढकर नहीं लाना है। खजाना आपके पास है, अगर भेदी मिल जाए तो आपको दिखा देता है। उन्होंने कहा कि'ज्ञान चांदना हो रहा दर्शा चमन विवेक। बाहर भटके बावरे, यह तन याही देख।' जब हमारे ह्रदय में ज्ञान रूपी प्रकाश हो जाता है तो साहेब का दर्शन हो जाता है। जबकि मूर्ख उस की तलाश में बाहर यानी तीर्थ, व्रत आदि में भटकते फिरते हैं, लेकिन वो सतगुरु साहेब तो इस काया के अंदर ही विराजमान है, इस अवसर पर भंडारे व प्रसाद का भी प्रबंध किया गया।


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