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प्रॉपर्टी टैक्स बिलों में नहीं होगी गड़बड़ी, एक जैसा फार्मेट होगा ऑनलाइन

जागरण संवाददाता, हिसार : प्रॉपर्टी टैक्स बिलों में गड़बड़ी व गलतियों का सबसे बड़ा कारण है असमान फार्मेट

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 01:01 AM (IST)
प्रॉपर्टी टैक्स बिलों में नहीं होगी गड़बड़ी, एक जैसा फार्मेट होगा ऑनलाइन
प्रॉपर्टी टैक्स बिलों में नहीं होगी गड़बड़ी, एक जैसा फार्मेट होगा ऑनलाइन

जागरण संवाददाता, हिसार : प्रॉपर्टी टैक्स बिलों में गड़बड़ी व गलतियों का सबसे बड़ा कारण है असमान फार्मेट। प्रत्येक निगम, परिषद और पालिका में अपने हिसाब से अधूरा एवं अस्पष्ट फार्मेट बना रखा है। इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है, वहीं सरकार को निर्धारित सालाना लक्ष्य के अनुसार टैक्स के रूप में राजस्व नहीं मिल पाता है। इन्हीं समस्याओं का समाधान करते हुए सरकार ने प्रॉपर्टी टैक्स बिल का एक जैसा फार्मेट लागू करने का फैसला लिया है। यह फार्मेट ऑनलाइन होगा, जिसकी निगरानी शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय करेगा। खास बात यह है कि 30 जून तक सभी निगमों, परिषदों व पालिकाओं में उक्त व्यवस्था को लागू करवा दिया जाएगा। इस संबंध में शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय की तरफ से मंडल स्तरीय आइटी प्रोफेशनल्स की टीमों का गठन किया गया है। इस कड़ी में शनिवार को दो सदस्यीय आइटी प्रोफेशनल्स की टीम हिसार नगर निगम पहुंची। यहां उन्होंने हिसार, हांसी, फतेहाबाद, सिरसा निकाय विभागों के अधिकारियों के अलावा प्रॉपर्टी टैक्स ब्रांच डील करने वाले कर्मचारियों के साथ बैठक की।

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आइटी प्रोफशनल्स ने सभी निकाय अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रॉपर्टी टैक्स बिलों संबंधित समस्याओं को जाना। इसके अलावा सभी का प्रॉपर्टी टैक्स डिटेल संबंधी फार्मेट भी देखा, जोकि भिन्न था। उन्हें बताया कि ज्यादा से ज्यादा राजस्व प्राप्त नहीं कर पाना और जनता को असुविधा होने का मुख्य कारण फार्मेट की असमानता है। यह अस्पष्ट और दुविधा पैदा करने जैसा है। न खुद को समझ आएगा और न जनता को समझा पाएंगे। इसलिए पुराने फार्मेट को खत्म कर नया एवं एडवांस फार्मेट लागू होगा। इसके अनुसार ही काम करना पड़ेगा। पहले चरण में नगर निगमों में फार्मेट लागू करेंगे। जिनमें डाटा एंट्री करके ऑनलाइन कर दिया जाएगा। फिर परिषद व पालिका का नंबर आएगा। यह एक ऐसी सुविधा होगी, जो प्रॉपर्टी टैक्स एवं बिल संबंधी समस्याओं का समाधान कर देगी। उसके अनुसार काम करने पर निजी कंपनियों का झंझट भी नहीं रहेगा। इस दौरान बिलों में होने वाली गड़बड़ियों व सुझावों को नोट किया गया है, जिसे आइटी प्रोफशनल्स शहरी स्थानीय निकाय निदेशक के समक्ष रखेंगे।

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ऐसा होगा नया फार्मेट

- सिटी कोड

- स्ट्रीट कोड

- प्रॉपर्टी यूनिक आइडी

- प्रॉपर्टी मालिक का नाम

- टाइप ऑफ प्रॉपर्टी

- वर्तमान टैक्स राशि

- बकाया टैक्स राशि

- छूट सहित टैक्स राशि

- अतिरिक्त जमा टैक्स राशि

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यह होगा फायदा

- प्रॉपर्टी टैक्स बिल दुरुस्त होंगे

- बिलों की गड़बड़ी दूर होगी

- टैक्स राशि का हिसाब सही होगा

- प्रॉपर्टी का पता लगाना आसान होगा

- ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स बिल देख सकेंगे

- बिल बांटने से लेकर टैक्स इकट्ठा करेन के लिए मैनपावर बढ़ेगी

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सरकार की निगरानी

- ऑनलाइन फार्मेट अनुसार काम हो रहा है या नहीं

- निगम, परिषद व पालिका ने कितना राजस्व इकट्ठा किया

- कौन सा निकाय विभाग राजस्व इकट्ठा करने में फिसड्डी है

- कम राजस्व के लिए कौन अधिकारी जिम्मेवार हैं

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स्वच्छ मैप एप के प्रचार व प्रयोग पर जोर

आइटी प्रोफेशनल्स ने निकाय विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को स्वच्छ मैप एप के प्रयोग व प्रचार के बारे में प्रशिक्षण दिया। उन्हें बताया कि स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा एप का प्रचार किया जाए। जितने ज्यादा लोग एप का इस्तेमाल करेंगे, उतना ही जल्दी शहर स्वच्छ बनेगा। अधिकारियों को एप में दिए विकल्पों की जानकारी दी।

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प्रॉपर्टी टैक्स बिलों का फार्मेट एक जैसा लागू होगा। जनता व निकाय विभाग की समस्या को दूर करेंगे। राजस्व ज्यादा जुटाने में फार्मेट उपयोगी साबित होगा।

- रमेश व अनिल, यूएलबी आइटी प्रोफेशनल्स।


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