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हरियाणा के इतिहास व सांस्कृतिक धरोहर पर सजी प्रदर्शनी

जागरण संवाददाता, हिसार दयानन्द महाविद्यालय में शनिवार को इतिहास विभाग के सौजन्य से 'हरियाणा के इत

By Edited By: Published: Sun, 25 Sep 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2016 01:00 AM (IST)
हरियाणा के इतिहास व सांस्कृतिक धरोहर पर सजी प्रदर्शनी

जागरण संवाददाता, हिसार

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दयानन्द महाविद्यालय में शनिवार को इतिहास विभाग के सौजन्य से 'हरियाणा के इतिहास व सास्कृतिक धरोहर' पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। इस साप्ताहिक प्रदर्शनी का आयोजन हरियाणा के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में किया गया है। प्रदर्शनी में हरियाणा के गौरवपूर्ण अतीत को सास्कृतिक धरोहर के माध्यम से दिखाया गया है। हड़प्पा सभ्यता, मौर्य काल, गुप्तकाल, सल्तनतकाल व मुगलकाल की वस्तुएं व भवन विशेष रूप से सामने आए हैं। विश्व विरासत स्थल राखीगढ़ी को प्रदर्शनी में विशेष महत्व दिया गया है। स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा की भूमिका से संबंधित व्यक्तित्व और उनमें चित्रों को प्रदर्शित किया गया।

प्रदर्शनी का उद्घाटन हरियाणा इतिहास व संस्कृत अकादमी के निर्देशक प्रो. रघुविन्द्र तंवर ने किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि बीएल मनचन्दा उपस्थित रहें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज प्राचार्य डॉ.पवन कुमार शर्मा ने की।

प्रो.तंवर ने हरियाणा के अतीत पर प्रकाश डाला व आह्वान किया कि बच्चों को अतीत से प्रेरणा लेनी चाहिए। अपने आसपास अपने गाव, परिवार का इतिहास जानने का प्रयास करना चाहिए।

प्रो. मनचंदा ने कहा कि हरियाणा के पुरातत्व पर प्रकाश डाला तथा कॉलेज में अभिलेखागार के महत्व को प्रस्तुत किया। इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र सिंह ने प्रदर्शनी के महत्व को बताते हुए इसे एक नियमित स्तम्भ बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुरूचि शर्मा द्वारा किया गया। जबकि अतिथियों के प्रति आभार डॉ. जोगिन्द्र सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर शिक्षक वर्ग ने डॉ. प्रदीप, मनजीत, सत्यजीत, रवि अरोड़ा और रिंकू शर्मा तथा डॉ. आरती के साथ-साथ कई प्राध्यापक थे तथा काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

कार्यक्रम में इतिहास विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'विरासत' का विमोचन भी किया गया। इस पुस्तक में दयानन्द कॉलेज में स्थापित विभाग के अभिलेखागार व संग्रहालय के बारे में सचित्र जानकारी दी गई है। यह प्रदर्शनी बच्चों के लिए बहुत ज्ञानवर्धनक रूचिकर रही। जिसके कारण विद्यार्थी इसकी अवलोकन में तल्लीन देखे गए।


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