हकृवि के विशेषज्ञ देंगे युवाओं को प्रशिक्षण
जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय प्रदेश के किसानों तथा ग्रामीण महि
जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय प्रदेश के किसानों तथा ग्रामीण महिलाओं को कृषि तथा गृहविज्ञान संबंधी नवीन जानकारी प्रदान करने के लिए इस माह विभिन्न जिलों में प्रशिक्षण आयोजित करेगा। प्रशिक्षण का यह क्रम 7 सितंबर से शुरू होकर पूरा माह चलेगा।
विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. आरएस अंतिल के अनुसार यह प्रशिक्षण विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत सोनीपत में 7 से 10 सितंबर तक खाद्य पदार्थो का मूल्य संवर्धन तथा 14 से 17 सितंबर तक फल एवं सब्जी परिक्षण व फलों एवं सब्जियों का मूल्य संवर्धन विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सदलपुर में 7 से 12 सितंबर तक, जींद में 15 से 19 सितंबर तक, अंबाला में 16 से 18 सितंबर तक तथा झज्जार में 28 सितंबर से 1 अक्तूबर तक मधुमक्खी पालन बारे प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे।
डॉ. अंतिल के मुताबिक पानीपत में 7 से 10 सितंबर तक, जींद तथा भिवानी में 7 से 11 सितंबर तक तथा बावल में 23 से 26 सितंबर तक मशरूम उत्पादन तकनीक, कुरूक्षेत्र में 8 से 10 सितंबर तक मशरूम का वैज्ञानिक ढग से उत्पादन एवं विपणन तथा यमुनानगर में 8 से 11 सितंबर तक श्वेत मशरूम उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण आयोजित कर किसानों एवं ग्रामीण महिलाओं को व्यावहारिक ज्ञान दिया जाएगा। इसी प्रकार झज्जार में 7 से 11 सितंबर तक डेयरी फार्मिग में उद्यमिता विकास, महेन्द्रगढ़ में 8 से 10 सितंबर तक रबी फसलों का बीज उत्पादन तथा 15 से 17 सितंबर तक फलों एवं सब्जियों की नर्सरी तैयार करना जबकि सिरसा में 8 से 10 सितंबर तक दूध व दूध से बने पदार्थो तथा 15 से 17 सितंबर तक पॉलीहाउस में नर्सरी तैयार करने की विधियों पर प्रशिक्षणों का आयोजन कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षणों के इस क्रम में मंडकोला में 14 से 18 सितंबर तक कटाई, सिलाई एवं नरम खिलौने बनाना, फतेहाबाद में 15 से 19 सितंबर तक कृषि से सम्बद्ध गतिविधियों से आय एवं रोजगार, करनाल में 16 से 18 सितंबर तक कपड़ों की ड्राफ्टिग, कटाई एवं सिलाई विषय पर जबकि पिंजोर में 17 से 19 सितंबर तक औषधीय पौधों की खेती तथा जींद में 28 से 30 सितंबर तक वर्मी कंपोस्ट तैयार करना व इसका खेती में उपयोग विषयों पर प्रशिक्षणों के माध्यम से किसानों तथा ग्रामीण महिलाओं को विस्तृत जानकारिया प्रदान की जाएंगी।