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मिर्चपुर से सीआपीएफ को हटाने की तैयारी, बाल्मीकि बस्ती के लोगों ने दी पलायन की चेतावनी

30 जून को समाप्त हो रहा है सीआरपीएफ का समय सीआरपीएफ की जगह हरियाणा पुलिस की तैनाती पर चला रहा विचा

By Edited By: Published: Wed, 01 Jul 2015 10:20 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2015 10:20 PM (IST)
मिर्चपुर से सीआपीएफ को हटाने की तैयारी, बाल्मीकि बस्ती के लोगों ने दी पलायन की चेतावनी

30 जून को समाप्त हो रहा है सीआरपीएफ का समय

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सीआरपीएफ की जगह हरियाणा पुलिस की तैनाती पर चला रहा विचार

संवाद सूत्र, नारनौंद : मिर्चपुर काड के पांच साल बाद भी बाल्मीकि बस्ती के चारों तरफ सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के जवान तैनात रहते है। सीआरपीएफ का समय 30 जून को समाप्त हो रहा है और इसकी जगह हरियाणा पुलिस के जवानों को तैनात करने की तैयारी चल रही है। इस बीच बाल्मीकि बस्ती के लोगों ने इसका विरोध जताते हुए चेतावनी दी है कि अगर सीआरपीएफ की टुकड़ी को हटाया गया तो वो गाव से पलायन कर जाएंगे।

मिर्चपुर काड पूरे देश में चर्चित विषय रहा है और यह काड 21 अप्रैल 2010 को दो जातियों के बीच हुआ था और इसमें ताराचंद व उसकी अपाहिज बेटी सुमन की मौत हो गई थी। उस समय सरकार ने बस्ती की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती कर बस्ती के चारों तरफ सुरक्षा घेरा बना दिया था। इस काड को हुए पाच वर्ष बीत चुके हैं और दोनों समुदायों में आज भाईचारा भी कायम हो चुका है। सीआरपीएफ की तैनाती को समय समय पर बढ़ाया गया था और 30 जून तक का समय तय किया गया था। ऐसे में चर्चा है कि पुलिस प्रशासन सीआरपीएफ के जवानों की बजाय हरियाणा पुलिस के जवानों को बस्ती की सुरक्षा में तैनात करना चाहते है। लेकिन बाल्मीकि बस्ती के चंद्र, फुलकली, सुरेशो, भतेरी, गुड्डी, जयसिंह, सुरता, नत्थी, निहाली, अजमेर, महेश, मनीषा, रिकू इत्यादि ने विरोध जताते हुए कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक उन्हे सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के जवानों पर ही भरोसा है वो हरियाणा पुलिस पर किसी भी सूरत में भरोसा नहीं करते। अगर बस्ती से सीआरपीएफ के जवानों को यहा से हटाया गया तो वो इस गाव से पलायन कर कहीं पर भी जाने के लिए मजबूर होंगे।

एक जुलाई को रवाना हो जाएगी सीआरपीएफ की टुकड़ी : कंपनी कमांडर

इस संबंध में सीआरपीएफ के मिर्चपुर में तैनात किए गए कंपनी कमांडर एसएस बावजा ने बताया कि बस्ती की पूरी तरह से सुरक्षा की जा रही है। सुरक्षा में कोई भी चूक नहीं रखी जाती है। हमारा यहा पर रहने का समय 30 जून तक का है जोकि आज रात को पूरा हो जाएगा और एक जुलाई को वो यहा से रवाना हो जाएंगे। अभी तक समय बढ़ाने संबंधी उनके पास कोई नया संदेश नहीं आया है।

किसी भी शरारती तत्व को नहीं घुसने देंगे गांव में : डीएसपी

इस संबंध में डीएसपी भगवानदास ने बताया कि सीआरपीएफ की जगह अब हरियाणा पुलिस के जवान चौबीस घटे बस्ती की सुरक्षा करेंगे और सुरक्षा में कोई चूक नहीं रहने दी जाएगी। किसी भी शरारती तत्व को बस्ती में घुसने तक नहीं दिया जाएगा। बस्ती के चारों तरफ हरियाणा पुलिस के जवान हाई टेक तरीके से बस्ती की सुरक्षा करेंगे।

76 जवान लगे हैं बस्ती की सुरक्षा में

बाल्मीकि बस्ती की सुरक्षा के लिए फिलहाल सीआरपीएफ के 76 जवान तैनात है जोकि बस्ती के चारों तरफ पाच चैक पोस्ट बनाकर 24 घटे ड्यूटी पर तैनात रहते है वहीं दिन व रात के समय भी जवान बस्ती के चारों तरफ पैदल गस्त कर स्थिति का जायजा लेते रहते हैं। सीआरपीएफ की तैनाती के बाद गाव में कोई भी हिसा की घटना नहीं घटित हुई है।

तंवर हाउस पर डेरा जमाए हुए हैं ग्रामीण

मिर्चपुर काड के बाद दर्जनों परिवार गाव से पलायन कर हिसार के तंवर फार्म हाउस पर डेरा जमाए हुए है। उनकी माग है कि उन्हे गाव से बाहर प्लाट दिए जाएं। सुरक्षा के लिहाज से उनका मिर्चपुर गाव में रहना संभव नहीं है। वो लोग पाच साल बीत जाने के बाद भी अब तक गाव में नहीं आ पाए है।


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