देवता खेड़ा की याद में हर रविवार को लाडवा में होगा पूजन
संवाद सहयोगी, हिसार : भारतीय संस्कृति में गाय और बैल को कितना पूजनीय माना जाता है, इसकी बानगी गाव ला
संवाद सहयोगी, हिसार : भारतीय संस्कृति में गाय और बैल को कितना पूजनीय माना जाता है, इसकी बानगी गाव लाडवा में देखने को मिल सकती है। गत रविवार को गाव में एक सांड की मृत्यु होने पर ग्रामीणों ने उसे अपना पूजनीय मान लिया है। ग्रामीणों ने साड की समाधि बनाते हुए उसे देवता खेड़ा का नाम दिया है। इसके साथ ही यह निर्णय लिया गया है कि गाव में देवता खेड़ा की याद में हर रविवार को पूजा अर्चना की जाएगी। इस उपलक्ष्य में साप्ताहिक जागरण करते हुए सोमवार को विशाल जागरण किया गया। जिसमें गाव व आसपास के क्षेत्र से भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने शिरकत करते हुए प्रसाद ग्रहण किया। समस्त ग्रामवासियों की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में देवता खेड़ा की पूजा अर्चना करते हुए हवन किया गया। ग्रामीण राज सिंह, अशोक पूनिया आदि ने बताया कि ग्रामीणों के साथ विचार विमर्श करते हुए देवता खेड़ा के नाम से अब गाव में हर रविवार को पूजा अर्चना का कार्यक्रम रखा गया है। इस मौके पर भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।