निगम को सीएलयू की फाइल का इंतजार
जागरण संवाददाता, हिसार : नगर निगम को चेंज लैंड ऑफ यूज (सीएलयू) केस का इंतजार है। पिछले पांच माह में एक भी फाइल नहीं आई है। हालांकि इक्का-दुक्का लोग सीएलयू की जानकारी लेने जरूर आ चुके हैं लेकिन आवेदन नहीं किया। यह स्थिति हिसार ही नहीं बल्कि प्रत्येक निगम एवं जिले में देखने को मिल रही है। इससे सरकार को लाखों-करोड़ों रुपये राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
बता दें कि निगम से पहले चेंज ऑफ लैंड यूज, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डील करता था। उस दौरान भी हिसार में दो-चार प्रोजेक्ट ही सिरे चढ़ पाए थे। हाल ही में हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सीएलयू म्यूनिसिपल कमेटी द्वारा करने के आदेश दिए। करीब पांच माह पहले ही निगम के जरिए सीएलयू करने संबंधी नोटिफिकेशन जारी किया गया था। वह दिन और आज का दिन, हिसार से सीएलयू के लिए कोई केस नहीं आया है।
यह है प्रक्रिया
सीएलयू सिर्फ कृषि भूमि पर लागू है। इसके लिए आवेदनकर्ता को आठ दस्तावेज देने होंगे। विभिन्न दस्तावेजों को एक साथ संलग्न कर पांच सेट तैयार करवाने होते हैं। दो सेट डीटीपी विभाग और एक सेट निदेशालय को भेजना होता है। आवेदन आते ही तीन दिन के भीतर रजिस्टर में एंट्री जरूरी है। डीटीपी को पंद्रह दिन में साइट रिपोर्ट देनी होगी है। सात दिन के भीतर नगर निगम, डीटीपी विभाग द्वारा दी गई रिपोर्ट का फाइनल कर मंजूरी के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग निदेशालय को भेज देगा।
सरकारी खजाने को फटका
सीएलयू में संशोधन कर आवेदनकर्ताओं को राहत दी है। अब 90 दिनों के भीतर सीएलयू के लिए हां या ना की मंजूरी निदेशालय से मिल जाएगी। पहले एक-दो साल का समय लग ही जाता था। आवेदक को भी बेवजह चक्कर काटने पड़ते थे। एक सीएलयू केस को मंजूरी मिलने पर सरकार को लाखों रुपये डेवलेपमेंट चार्ज मिलता है। सीएलयू सरकारी खजाने को भरने का आसान साधन है। अब सीएलयू न होने से सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
फिर नहीं लौटे
निगम अधिकारियों की मानें तो चार-पांच लोग सीएलयू के बारे में पूछने आए थे। जानकारी जुटाने के बाद कोई लौटकर नहीं आया। अगर कोई फाइल आती है तो उसे जल्द से जल्द तैयार कर निदेशालय को भेज दिया जाएगा। एक निर्धारित समय सीमा में सीएलयू को हरी या लाल झंडी दिखा दी जाएगी।
हमें तो आवेदन का इंतजार
नगर निगम के ईओ अरविंद बिश्नोई का कहना है कि अभी तक सीएलयू के लिए कोई आवेदन नहीं आया है। अगर आता है तो जल्द से जल्द फाइल तैयार कर निदेशालय के पास स्वीकृति के लिए भेज दी जाएगी।