शिवरात्रि : बिन पांव ही नाप दी राह
पटेल नगर के 14 वर्षीय नीरज की दुर्घटना में टांगें चली गई। गंगाजल लाने का जुनून ऐसा कि बिना पांव 375 किलोमीटर की राह नाप डाली। नीरज ट्राइसाइकिल पर हरिद्वार पहुंच गया और जलाभिषेक के एक दिन पहले नगर में दाखिल हो गया। नीरज ने अपनी मनोकामना पर मुस्कराहट बिखेर दी और कहा- टांगें नहीं तो क्या, शिव बाबा ने हाथों में ताकत और मन में जुनून भर दिया..हो गई इच्छा पूरी।
बाक्स
फोटो नंबर : 217
परिवार के लिए थी मनोकामना
न्यू ऋषि नगर के भंवर लाल ने पूरे परिवार के साथ हरिद्वार से गंगाजल लाने का फैसला लिया। चार दिन पहले मोटरसाइकिल पर पत्नी सरोज व पुत्र सात साल के सूरज को लेकर लक्ष्य की ओर रवाना हुआ। बृहस्पतिवार को बाइक पर पत्नी व बेटे के साथ जल लेकर लौटे भंवर लाल ने परिवार की सुख-शांति की कामना की है।
बाक्स
फोटो नंबर : 222, ए
चारों ओर शांति व प्रेम हो
आठ साल की उम्र से लगातार कांवड़ ला रहे डोगरान मोहल्ला वासी गौरव व संदीप कहना है कि वे शिवभक्त हैं। उनसे बिना मांगे मिलता है फिर भी इस बार कांवड़ लाने से पूर्व वे चारों ओर शांति व प्रेम का माहौल मिलने की इच्छा साथ लेकर चला था।
बाक्स
हर बार पड़ाव पर कांवड़ियों की सेवा
सूर्यनगर वासी 12 साल के सोनू ने होश संभालने के बाद से पड़ाव पर कांवड़ियों की सेवा शुरू कर दी। शिवरात्रि के अवसर पर किसी एक पड़ाव पर वह डेरा जमाता है। आने वाले श्रद्धालुओं के पांव दबाने और भोजन करवाने में दिन-रात लगा रहना उसे अच्छा लगता है।
बाक्स
फोटो नंबर : 216
नहीं महसूस हुई थकान
गांव तेलनवाली वासी बबली व रामरती पहली बार परिवार के साथ कावड़ लेने हरिद्वार गई। कहना यह कि शिव का कमाल है, वे अभी भी थकान महसूस नहीं कर रही है। मनोकामना बताने से पूरी नहीं होती। बस जो भी मांगा परिवार और गांव के लिए मांगा।