महज नाम चमकाने पर 6.87 लाख खर्च
जागरण संवाददाता, हिसार : शहर के विकास के लिए मिली राशि में से 6,87,000 रुपये की राशि माननीयों के नाम चमकाने पर खर्च कर दी गई। वह भी बगैर किसी कानून कायदे व पूर्व स्वीकृति के। नगर निगम से सातरोड खास निवासी नरेश सैनी द्वारा जनसूचना अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में इसका खुलासा हुआ है।
मांगी गई जानकारी के जवाब में निगम ने स्वीकार किया कि शहर में मंत्री एवं विधायक सावित्री जिंदल, प्रो. संपत सिंह व रामनिवास घोड़ेला के नाम के कुल 229 बोर्ड लगाए गए हैं। जिस पर 687000 रुपये की राशि खर्च हुई है। एक अन्य उतर में बताया गया है, कि बोर्ड की राशि का भुगतान विकास कार्यो की राशि से ही किया जाता है तथा इसके लिए अलग से किसी भी स्तर से स्वीकृति नहीं ली गई। निगम ने रिकार्ड नहीं होने का हवाला देते हुए विधायकों के नाम अनुसार अलग-अलग राशि का विवरण देने से इन्कार कर दिया।
जून 2013 के बाद लगी रोक
दैनिक जागरण ने 10 अप्रैल 2013 को म्हारे फंड से हो रहा माननीयों का गुणगान शीर्षक के साथ प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। माना जाता है कि इसी के चलते निगम ने जून 2013 के बाद विकास कार्यो की राशि से विधायकों के नाम के बोर्ड लगाना बंद कर दिया, परंतु इससे पहले ही निगम सावित्री जिंदल, प्रो. संपत सिंह व रामनिवास घोड़ेला के नाम से शहर की गलियों व चौराहों पर जग-जगह 229 बोर्ड लगा चुका था। नरेश कुमार ने 17 फरवरी 2013 को आरटीआइ लगाई थी तथा निगम ने 18 मार्च को इसका जवाब दिया।
11 हजार स्कवेयर फुट बन सकती थी गली
नगर निगम द्वारा माननीयों के नाम पर खर्च की गई राशि से शहर के एक मोहल्ले की कई गलियों को चमकाया जा सकता था। विशेषज्ञों के अनुसार एक वर्ग स्कवेयर फुट पर 60 से 65 रुपये के हिसाब से शहर में करीब 10800 स्कवेयर फुट गली का निर्माण किया जा सकता था। इसे यूं भी कह सकते हैं कि इस राशि से नियमानुसार 12 फुट चौड़ी व 900 फुट लंबी गली का निर्माण किया जा सकता था।
रिकार्ड देखकर ही बता पाएंगे
नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी अरविंद बिश्नोई ने बताया कि कार्यभार ग्रहण के बाद चुनावी व्यस्तता के चलते इस बारे में पता नहीं किया जा सकता है। मामला जानकारी में है तथा रिकार्ड चेक कर हकीकत का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा।