शत-प्रतिशत अंकों के लक्ष्य ने बनाया टॉपर
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : सफलता का स्तर हमेशा लक्ष्य निर्धारण पर निर्भर करता है। लक्ष्य जितना
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : सफलता का स्तर हमेशा लक्ष्य निर्धारण पर निर्भर करता है। लक्ष्य जितना बड़ा होगा, सफलता की ऊंचाइयां भी उतनी ही अधिक होंगी। यह मानना है आइसीएसई बोर्ड की बारहवीं कक्षा की एनसीआर टॉपर कीर्तना श्रीकांत का। कीर्तना के मुताबिक हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करनी चाहिए और उन्होंने वही किया। उन्होंने टॉप करने की चाहत न रखकर सभी विषयों में शत प्रतिशत अंक अर्जित करने का लक्ष्य रखा था। उन्हें इसमें सफलता भी मिली और मैथ, फिजिक्स व कंप्यूटर साइंस में शत प्रतिशत अंक अर्जित किए।
बढ़ गई सफलता की खुशी
कीर्तना ने अपना परिणाम नेट पर देखा और सीधा स्कूल पहुंचीं, वहां उन्हें पता चला कि वे एनसीआर टॉपर हैं तो पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ और फिर उनकी खुशी दोगुनी हो गई। उनके मुताबिक अच्छे अंकों के साथ यह स्थान उनके लिए बोनस है।
परिवार व शिक्षकों का सहयोग
कीर्तना अपनी इस सफलता का श्रेय पिता एमएन श्रीकांत, मां संध्या श्रीकांत के अलावा बहन मेघना, दादी रमामणि के अलावा स्कूल के शिक्षकों को देती हैं। उनके मुताबिक उनके लक्ष्य के लिए इन लोगों ने उनका कदम कदम पर सहयोग किया।
गांधी व कलाम से प्रभावित
कीर्तना वैसे तो परिवार के सदस्यों व शिक्षकों से सबसे अधिक प्रभावित व प्रेरित हैं लेकिन उनका कहना है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व राष्ट्रपति स्व. अब्दुल कलाम आजाद जैसी शख्सियत से भी उन्हें बहुत प्रेरणा मिलती है। उनके मुताबिक वे इनसे इतनी प्रभावित हैं कि इनकी जीवनी पढ़ना चाहती हैं।
आलराउंडर हैं कीर्तना
कीर्तना अपने स्कूल में आलराउंडर स्टूडेंट रही हैं। को-करीकुलर गतिविधियों के साथ साथ स्पोर्ट्स में भी अव्वल रहती थी। अच्छे व्यवहार व उनकी प्रतिभा देखते हुए उन्हें स्कूल की हेडगर्ल का खिताब भी दिया गया था। स्कूल के चेयरमैन कार्तिकेय सैनी के मुताबिक उन्हें पूरी उम्मीद थी कि कीर्तना को इसी स्तर की सफलता मिलेगी।
संगीत में रुचि
कीर्तना पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद की गतिविधियों व संगीत में भी खासी रुचि रखती हैं। गायन व वादन दोनों में महारथ रखने वाली कीर्तना ने ट्रनिटी कॉलेज आफ लंदन से वायलन वादन में ग्रेड चार व गिटार वादन में ग्रेड तीन पूरा कर लिया है। उनके मुताबिक संगीत से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उनके मुताबिक पढ़ाई के बीच में ब्रेक के लिए वे संगीत का सहारा लेती थी जिससे एकाग्रता बढ़ जाती थी।
इंजीनियर बनने का लक्ष्य
कीर्तना इंजीनियर बनना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने तैयारी शुरु कर दी है और आइआइटी के परिणाम आने का इंतजार कर रही हैं। वे कंप्यूटर साइंस में इंजीनिय¨रग कर देश में ही रहकर मेक इन इंडिया का सपना साकार करना चाहती हैं।