गुरुग्राम में बनेगा प्रदेश का पहला सी एंड डी वेस्ट प्रोसे¨सग प्लांट
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : प्रदेश का पहला कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट प्रोसे¨सग प्लांट (सी ए
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : प्रदेश का पहला कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट प्रोसे¨सग प्लांट (सी एंड डी ) गुरुग्राम में बनेगा। गांव बसई में लगभग साढ़े तीन एकड़ भूमि पर बनने वाले इस प्लांट के लिए सोमवार को भूमि पूजन किया गया। प्लांट का निर्माण एवं संचालन आइएल एंड एफएस कंपनी द्वारा किया जाएगा। भूमि-पूजन के अवसर पर नगर निगम आयुक्त वी. उमाशंकर ने बताया कि हालांकि प्लांट का निर्माण कार्य एक वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन कंपनी प्रतिनिधियों द्वारा यह आश्वासन दिया गया है कि वे इस वर्ष के अंत तक प्लांट में पहला प्रोडक्ट बनाना शुरू कर देंगे। नगर निगम मलबा डालने के लिए अलग-अलग स्थान चिन्हित करेगा, जहां पर सीएंडडी वेस्ट डाला जा सकेगा। इन स्थानों से कंपनी द्वारा मलबा उठाकर प्लांट में लाया जाएगा और उससे सीमेंट ब्रिक्स, ब्लॉक टाईल्स, टाईल्स सहित कई प्रकार के प्रोडक्ट बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में बनने वाला प्रदेश का यह पहला प्लांट होगा। प्लांट के शुरू होने के बाद शहर में इधर-उधर मलबा दिखाई नहीं देगा।
सड़कों किनारे और अरावली में मलबे के ढेर
तेजी से बढ़ते शहरीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास के कारण साइबर सिटी में उत्पन्न सी एंड डी वेस्ट की मात्रा में काफी वृद्धि हुई है और इसमें प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत और अधिक वृद्धि होने का अनुमान है। फिलहाल शहर में सी एंड डी वेस्ट के प्रोसे¨सग की कोई वैज्ञानिक प्रणाली नहीं है। यह वेस्ट या तो सड़क के किनारे या अरावली क्षेत्र में फेंक दिया जाता है या कूड़े के साथ मिलकर लैंडफिल में चला जाता है। इस तरह से यह नालों को रोकता है। यातायात को बाधित करता है और पानी को प्रदूषित करता है। शहर भी गंदा दिखाई देता है, साथ ही वायु प्रदूषण भी होता है।
13 करोड़ की लागत से तैयार होगा प्लांट
आइ एल एंड एफएस कंपनी के वाईस प्रेजिडेंट देबाशीष त्रिपाठी ने बताया कि प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 300 टन मलबा प्रोसे¨सग की होगी। प्लांट के निर्माण पर लगभग 13 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने बताया कि शहर में जिन स्थानों पर फिलहाल मलबा पड़ा हुआ है, उन स्थानों की पहचान कर ली गई है।अब वहां से मलबा उठाकर प्लांट तक लाया जाएगा। इससे एक ओर जहां शहर साफ-सुथरा दिखाई देगा, वहीं प्लांट में मलबे से बनने वाले प्रोडक्ट अन्य निर्माण कार्यों में उपयोग होंगे। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा फिलहाल दिल्ली के बुराड़ी तथा शास्त्री पार्क में प्लांट संचालित किए जा रहे हैं। इस दौरान नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त अमित खत्री, संयुक्त निगमायुक्त-1 अलका चौधरी, चीफ इंजीनियर एमआर शर्मा, सीनियर टाऊन प्लानर सुधीर चौहान सहित कंपनी के भी कई अधिकारी उपस्थित थे।