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शॉ¨पग को सुगम बनाते 'वर्चुअल चें¨जग रूम्स'

प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम शॉ¨पग करना आसान काम नहीं है, पहले ड्रेस पसंद करना फिर उसे अपने ऊपर

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 28 Apr 2017 01:00 AM (IST)
शॉ¨पग को सुगम बनाते 'वर्चुअल चें¨जग रूम्स'
शॉ¨पग को सुगम बनाते 'वर्चुअल चें¨जग रूम्स'

प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम

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शॉ¨पग करना आसान काम नहीं है, पहले ड्रेस पसंद करना फिर उसे अपने ऊपर ट्राइ करके देखना व फिर उनमें से कुछ सलेक्ट करना। इस प्रक्रिया में कई बार इतनी थकान आ जाती है कि बीच में ही शॉ¨पग का मूड बदल जाता है। ग्राहकों को इस स्थिति से बचाने व स्टोर्स को अच्छी सेल देने के लिहाज से इन दिनों शॉ¨पग के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं 'वर्चुअल चें¨जग रूम्स'। गुरुग्राम में भी इस तरह के चें¨जग रूम को तैयार किया गया है जो देश विदेश के स्टोर्स को हिट करने की तैयारी में है।

क्या है वर्चुअल चें¨जग रूम्स

शॉ¨पग के पहले कपड़ों के स्टोर्स में बने ट्रायल रूम में कपड़े ट्राइ किए जाते हैं। यही चीज वर्चुअवल चें¨जग या ट्रायल रूम में भी होती है, लेकिन इसमें कपड़ों को पहनने की आवश्यकता नहीं होती। इस तरह के चें¨जग रूम में कैमरा व बड़ी स्क्रीन लगी होती है। इसमें जाते ही ग्राहक अपनी पसंदीदा प्रकार की कपड़ों की पूरी लिस्ट देखकर उनमें से अपने लिए कपड़े चुन सकता है। एक क्लिक मात्र से यह देखा जा सकता है कि वह परिधान ग्राहक पर कैसा लग रहा है। कैमरा ग्राहक व कपड़े की थ्री डी इमेज लेता है। उसे स्क्रीन पर ट्रांसफर कर देता है। ऐसे में उसका फिट व अपीरियंस सब कुछ पता चल जाता है। ग्राहक कुछ ही सेकेंड में तय कर सकता है कि उसकी पसंदीदा ड्रेस उसपर जंच रही है या नहीं।

क्यों पड़ी जरूरत

स्टार्टअप कंपनी के संचालक मुनीष धीमान के मुताबिक जब टेक्नोलॉजी इतनी आगे बढ़ गई है तो शॉ¨पग में इतना पिछड़ापन क्यों हो। लोग शॉ¨पग करते हुए इतने थक जाते हैं कि घर जाने के बाद उन्हें कोई और काम करने का मन ही नहीं करता। उन्होंने सोचा कि शॉ¨पग को आसान बनाने के क्षेत्र में काम करना चाहिए। ऐसे में उन्होंने अपनी कंपनी जेस्चर रिसर्च के तहत एक वर्चुअल चें¨जग रूम बनाया। उनकी इस क्रिएशन को राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर खासी सराहना मिल रही है। डिजाइनर्स भी इस चीज को बेहतरीन आइडिया मान रहे हैं। मुनीष के मुताबिक इससे समय की बचत होती है व ग्राहकों के साथ साथ स्टोर्स को भी फायदा होगा कि उनकी सेल बढ़ेगी।

ग्राहकों के साथ डिजाइनर्स को भी फायदा

इस चें¨जग रूम से जहां ग्राहकों की परेशानी कम हो रही है वहीं डिजाइनर्स के लिए भी यह काफी लाभदायक साबित हो रहा है। फैशन डिजाइनर ममता के मुताबिक उनके डिजाइन किए हुए कपड़ों के अलग अलग नाप नहीं होते बल्कि एक ही साइज होता है ऐसे में ग्राहकों को ट्राई करवाने में मेहनत करनी पड़ती है। वर्चुअल चें¨जग रूम आ जाने से डिजाइनर्स को इस तरह की दिक्कतों से निजात मिलेगी।

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टेक्नोलॉजी हमारी लाइफ को आसान बना रही है तो हमने सोचा कि क्यों न शॉ¨पग को भी आसान बनाया जाए। ऐसे में हमने वर्चुअल चें¨जग रूम डिजाइन किए। यह शॉ¨पग को न केवल आसान बना रहे हैं बल्कि इसे रोचक भी बना रहे हैं।

- मुनीष धीमान, संस्थापक, जेस्चर रिसर्च।

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नई टेक्नोलॉजी फैशन के क्षेत्र में बहुत अच्छी साबित होगी। इससे स्टोर्स, ग्राहकों व डिजाइनर्स को सहूलियत होगी। आने वाले समय में यह स्टोर्स में शॉ¨पग का नया अहसास देगी। विदेशों में कई जगह चल रहा है।

- राखी कपूर, फैशन डिजाइनर, दिल्ली।


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