'बिना पॉलिसी के वैज्ञानिक कूड़ा प्रबंधन रहेगा अधूरा'
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : स्वच्छ भारत अभियान की सफलता विकेंद्रीकृत कूड़ा प्रबंधन कुछ इस तरह किया ज
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : स्वच्छ भारत अभियान की सफलता विकेंद्रीकृत कूड़ा प्रबंधन कुछ इस तरह किया जाए कि इसमें ऊर्जा का प्रयोग नहीं हो। इससे पर्यावरण को नुकसान और लोगों को नुकसान नहीं हो। गुरुग्राम के लोग नगर निगम से सॉलिड वेस्ट पॉलिसी की मांग कर रहे हैं। वेस्ट टू इनर्जी या बिना किसी विशेषज्ञ की देखरेख में विकेंद्रीकृत कूड़ा प्रबंधन के खिलाफ हैं।
नए गुरुग्राम के लोगों ने यह काम किया मगर प्रशासन की ओर से कोई बेहतर पहल नहीं हुई है। अभी तक तो जो सोसायटी खुद से ये काम कर रही है, उन्हें भी प्रशासन का कोई सहयोग नहीं मिला है। कचरा प्रबंधन के लिए सबसे पहले निगम को पॉलिसी लानी होगी कि लोग कूड़े में ईवेस्ट, खतरनाक चीजें, सैनीटरी की चीजें, रिसाइकिल होने वाली चीजों को पहचाने।
- सोना चटर्जी, सिल्वर ओक सोसायटी
हरियाणा सरकार को गुरुग्राम के लिए केंद्र की सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी को अमल में लाना चाहिए। ऊर्जा आधारित केंद्रीयकृत प्लांट या विकेंद्रीकृत प्लांट लगाया जाना समाधान नहीं है। ऊर्जा आधारित प्लांट पहले ही बंधवाड़ी में फेल हो चुका है। इसमें मिले जुले कूड़े की जरूरत होती है जो जल सके। पॉलिसी अगर आएगी तो इससे रिसाइकिल, रियूज, रिड्यूस का काम लोग घरों में पहले करेंगे।
- रुचिका सेठी टक्कर, निर्वाणा कंट्री, वहाई वेस्ट योअर वेस्ट
कूड़ा प्रबंधन घर के स्तर हो तो किचन वेस्ट या हार्टिकल्चर वेस्ट का निष्पादन काफी आसान है। दो साल पहले केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन डायरेक्टर ने बहुत स्पष्ट निर्देश जारी किए थे। इसमें नगर निगम समेत सबकी भूमिका स्पष्ट थी। उस पॉलिसी के हिसाब से प्रशासन अगर किसी अतिरिक्त चीज की जरूरत पड़ने पर फं¨डग भी करेगा। गुरुग्राम नगर निगम को उस पॉलिसी को लागू करके एक समेकित प्रयास की जरूरत है, जिसमें आरडब्ल्यूए संगठनों की भागीदारी हो ताकि पैसे का दुरुपयोग नहीं हो। भविष्य के लिए शहर सुरक्षित रहे। पर्यावरण का संरक्षण हो।
- समीरा सलूजा, हरा भरा संगठन प्रमुख
कूड़े से ऊर्जा बनाने वाले प्लांट दुनिया भर में अस्वीकृत हुए हैं। ऐसे प्लांट से वातावरण में ऐसी गैस निकलती हैं जो कैंसर की वजह बन सकती है। जिस तरह ²श्य कूड़ा सोसायटी के लिए परेशानी का कारण है, उसी तरह वेस्ट टू इनर्जी प्लांट से निकलने वाली खतरनाक गैस पर्यावरण के एक अ²श्य कूड़ा पैदा करेंगी। पुणे का मॉडल का एक अच्छा उदाहरण है जहां कूड़े से मिथेन गैस बनाकर उसे सिलेंडर में भरकर प्रयोग में लाया जा रहा है। सुधार के साथ एयरोबिक तरीके से वेस्ट मैनेजमेंट भी बेहतर उपाय है।
- एनबी नायर, यूनिवर्ल्ड सिटी, पूर्व वैज्ञानिक भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर।