वाहन चोरों का मुफीद जगह बना गुरुग्राम
आशीष पाण्डेय, गुरुग्राम गुरुग्राम पुलिस वाहन चोरों पर नकेल कसने में विफल साबित हो रही है। दर्ज मा
आशीष पाण्डेय, गुरुग्राम
गुरुग्राम पुलिस वाहन चोरों पर नकेल कसने में विफल साबित हो रही है। दर्ज मामले बता रहे हैं कि एक दिन में औसतन 10 वाहन चोरी हो रहे हैं। इसी वर्ष करीब तीन महीने में ही वाहन चोरी की करीब 400 वारदात हो चुकी हैं। वर्ष 2016 में तीन हजार से अधिक वाहन चोरी के मामले दर्ज हुए थे, जबकि वर्ष 2015 में भी 3500 वाहन चोरी हुए थे। मंगलवार को भी वाहन चोरी के सात मामले दर्ज किए गए। ऐसा तब है जब पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार ने वाहन चोरी पर अंकुश लगाने के लिए क्राइम ब्रांच प्रभारियों तक को दिशा-निर्देश दिए हैं।
मेवात से लेकर नागालैंड तक जुड़े तार
यहां कई ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो यहां से वाहनों की चोरी करके उन्हें दूसरी जगह बेचने का काम करते हैं। ये ऑन डिमांड भी वाहनों की चोरी करते हैं। मेवात से लेकर नागालैंड तक इनके तार जुड़े हुए हैं। यही नहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, आगरा, मथुरा में भी चोरी के वाहनों के खरीदार बैठे हुए हैं। मेवात और मथुरा में वाहनों को बकायदा ऐसा नया लुक दे दिया जाता है, जिससे उन्हें पहचान पाना भी मुश्किल होता है।
वारदात से पहले करते हैं रेकी
वाहन चोर होटलों, मॉल्स, शॉ¨पग कांप्लेक्स, सरकारी दफ्तर, अस्पताल और बाजार जैसी सार्वजनिक जगहों में अपना शिकार खोजते हैं। वारदात को अंजाम देने से पहले रेकी करते हैं। एक बदमाश वाहन मालिक पर नजर रखता है तो दूसरा मास्टर चाभी से वाहन के लॉक को तोड़ने में लग जाता है। अगर इस बीच वाहन मालिक वापस आने लगता है तो उस पर नजर रखने वाला बदमाश तुरंत मोबाइल से अपने साथी को सूचित कर सावधान कर देता है। अगर वाहन मालिक दूर चला जाता है तो उसके वाहन का लॉक तोड़कर उसे चोरी कर लिया जाता है।
फोर ह्वीलर की आड़ में पार हो जाते हैं बाइक चोर :
चोरी के बाद वाहनों का सबसे पहले नंबर प्लेट बदलकर सीधे मेवात ले जाया जाता है। बीच में अगर पुलिस नाका पड़ा तो बड़ी चालाकी से नाके से गुजरने वाले बड़े वाहनों की आड़ लेकर चोर खाकी वालों से बचकर निकल लेते हैं। मेवात में इन वाहनों को पशु वध और अवैध शराब का धंधा करने वालों को 5 से 10 हजार रुपये के बीच में बेच दिया जाता है।
बाक्स
वर्ष वाहन चोरी के मामले
2015- 3700
2016- 3808
2017- 400 25 मार्च तक
चोरी से बचाव के उपाय
कार के भीतर कहीं भी एक सस्ते मोबाइल में सिम लगाकर छिपाया जा सकता है, जिससे पुलिस को ट्रेस करने में आसानी हो सकेगी। इसके लिए उक्त मोबाइल को भी चार्ज रखना होगा। दोपहिया वाहनों के पहिए में भी अच्छे किस्म के लॉक लगाकर सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है। अब तो मोबाइल आधारित कई एप आ गए हैं, जो जबरन वाहन स्टार्ट करने पर सूचना दे देते हैं।
वर्जन
100 से अधिक वाहन चोरी के मामलों का खुलासा हुआ है। दो पहिया वाहन चोरी करने वाले बड़े गैंग का पर्दाफाश किया गया है। बीते सालों की अपेक्षा वाहन चोरी के औसत में काफी कमी आई है। हमारा प्रयास जारी है।
राजकुमार, प्रभारी, वाहन चोरी निरोधक दस्ता, गुरुग्राम