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सीआरपीएफ तक पहुंची जांच की आंच

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले की जांच अब सीआरपीएफ तक पहुंच गई है। अब तक जा

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 08:15 PM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 08:15 PM (IST)
सीआरपीएफ तक पहुंची जांच की आंच
सीआरपीएफ तक पहुंची जांच की आंच

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले की जांच अब सीआरपीएफ तक पहुंच गई है। अब तक जांच में पता चला कि जसमेर ने सीआरपीएफ के एक कमांडेंट को ही अवैध हथियार बेच दिया। इसके बाद एसआइटी ने सीआरपीएफ अधिकारी को बुलाकर पूछताछ तो की ही, साथ ही उनका रिवाल्वर भी जब्त कर लिया। रिवाल्वर को फारेंसिक लैब में जांच में भेज दिया गया है। बहुत ही चालाकी से देसी पिस्तौल को मेड इन ब्राजील बताकर यह सौदा किया गया। यह रिवाल्वर जसमेर के गन हाउस में रखा हुआ था, यहीं से कमांडर ने इसे खरीदा। सीआरपीएफ ने पूछताछ में बताया कि रिवाल्वर को उसने करीब पांच लाख रुपये में जसमेर के गन हाउस से खरीदा था।

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चार दिन की पूछताछ के बाद जसमेर को जेल भेज दिया गया है। हालांकि एसआइटी के अधिकारियों का कहना है कि जरूरत पड़ी तो जसमेर को फिर से रिमांड पर लिया जा सकता है। इस फर्जीवाड़े के तार यूपी से जुड़े हुए हैं, इस बात का पर्दाफाश हो चुका है। एसआइटी के सूत्रों की मानें तो सीआरपीएफ से कई अन्य मामले इस फर्जीवाड़े से जुड़े हुए हैं। जिस तरह से मनीष भारद्वाज के पास से गोलियों की बरामदगी हुई है, उससे एसआइटी कयास लगा रही है कि सीआरपीएफ का कोई अधिकारी इन्हें गोलियां उपलब्ध कराता हो। हालांकि, इसपर कोई बोलने को तैयार नहीं है।

गिरफ्तारी के लिए छापेमारी

इस मामले में अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। सबसे अधिक लाइसेंस शाखा के कर्मचारी एसआइटी के निशाने पर हैं। बिरेंद्र और जसमेर को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जबकि महेश की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

महेश की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

अनिल यादव, एसीपी सदर।


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