स्वास्थ्य : असंतुलित खान-पान असर दिखता है सर्दियों में
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : दिनचर्या में व्यस्त रहने के साथ असंतुलित खान-पान का असर सर्दी में कुछ
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम :
दिनचर्या में व्यस्त रहने के साथ असंतुलित खान-पान का असर सर्दी में कुछ लोगों में दिखने लगता है, जो लोग अपना ध्यान नहीं रख पा रहे हैं उन्हें ऐसी सर्दी में सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर (मौसमी उत्तेजित विकार) होने का खतरा रहता है। पिछले कुछ दिनों में मरीजों की संख्या में इस बीमारी का इजाफा होने लगा है। थकान, अकेलापन, तनाव जैसे लक्षण मरीजों में मिल रहे हैं।
सीजनल एफेक्टिव डिस ऑर्डर भी एक मौसमी अवसाद है। गर्मी और सर्दी दोनों तरह के मौसम में मरीज में काफी बदलाव आते हैं। मरीज अपनी दिनचर्या को ठीक करके और काउंस¨लग से इस तरह के अवसाद से बच सकते हैं।
इसलिए होता है सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर::
दो तरह के ब्रेन केमिकल्स इस डिसऑर्डर के लिए जिम्मेदार होते हैं।
नोरपाइनफरीन और सिरोटोनिन केमिकल्स स्तर के कम व ज्यादा होने से मरीज का मूड भी अचानक बदलने लगता है। जिला नागरिक अस्पताल के वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर ब्रह्मदीप ¨सधू का कहना है कि सर्दी और गर्मी की शुरुआत के साथ ही मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है।
मुख्य लक्षण :
-रोजाना तनाव
-उदास रहना
-थकान महसूस करना
-किसी भी चीज में रुचि न रहना
- चिड़चिड़ा हो जाना
- ध्यान केंद्रित न होना
- ज्यादा सोना
(सर्दी और गर्मी में अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं)
उपचार:
इस तरह के अवसाद के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टरों के मुताबिक सर्दी में मरीज को धूप में बैठने की सलाह दी जाती है। साथ ही गर्मी में मरीज को दिन के समय सोना जरूरी होता है। इसके अलावा दिनचर्या में बदलाव करने से राहत मिल सकती है। बातचीत और काउंस¨लग के द्वारा अवसाद को दूर किया जा सकता है।