वजह अलग-अलग, मंजिल मौत
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कोहरे के दौरान सड़क हादसों की संख्या में इजाफा होना तय है, लेकिन हादसो
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम:
कोहरे के दौरान सड़क हादसों की संख्या में इजाफा होना तय है, लेकिन हादसों की वजह हर इलाके में अलग-अलग होती है। कहीं तेज रफ्तार के चलते हादसे होते हैं, तो कहीं भारी, ओवरलोड वाहनों के चलते लोगों की जान चली जाती है। कहीं सड़क किनारे अवैध पार्किंग हादसे का कारण बनती हैं, तो कहीं ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने की जल्दी में हादसे होते हैं। कोहरे के दौरान होने वाले हादसों में विजिबिलिटी की कमी सबसे बड़ा कारण है। वाहन चालक को आगे चल रहे वाहन का अंदाजा नहीं होता। ऐसे में अचानक से टक्कर हो जाती है। कई बार कोहरे के चलते वाहन सड़क से नीचे भी उतर जाते हैं।
एक्सप्रेस-वे पर तेज रफ्तार और भारी वाहन हादसों के कारण
दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस-वे, गुरुग्राम-सोहना रोड, गुरुग्राम फरीदाबाद रोड आदि पर करीब 50 प्रतिशत हादसे होते हैं। इनमें वाहनों की तेज रफ्तार हादसों का सबसे बड़ा कारण है। रफ्तार के अलावा भारी व ओवरलोड वाहन भी यहां सड़क हादसे का कारण बनते हैं। अक्सर देखा जाता है कि इन इलाकों में नशे में धुत होकर वाहन चालक तेज रफ्तार के चक्कर में दुर्घटना का शिकार होता है। वहीं ओवरलोड व भारी वाहन अपनी लेन की बजाय बीच में व अन्य लेन में वाहन चलाते हैं, जिससे हादसे होते हैं।
ऑटो चालक बनते हैं हादसों का कारण
शहर में सवारी और सीएनजी ऑटो चालकों द्वारा नियम तोड़ते हुए ऑटो चलाना भी सड़क हादसों का मुख्य कारण हैं। पुलिस अधिकारियों की मानें तो शहर में करीब 15 प्रतिशत हादसों में कहीं न कहीं ऑटो चालक जिम्मेदार होते हैं। नियमों को ताक पर रखकर चालक ऑटो चलाते हैं। अचानक से बीच सड़क में ब्रेक लगा देते हैं, जिससे पीछे आ रहे वाहन एक-दूसरे से टकरा जाते हैं। लगभग हर दिन इस तरह के मामले सामने आते हैं।
ट्रैफिक सिग्नल तोड़ते समय भी होते हैं हादसे
जल्दी निकलने की होड़ में अक्सर लोग ट्रैफिक सिग्नल तोड़ देते हैं, लेकिन उन्हें यह ध्यान नहीं होता की दूसरी ओर से आ रहा वाहन चालक भी उन्हीं की तरह सिग्नल तोड़ रहा होगा। ऐसे में वाहन अक्सर आपस में टकरा जाते हैं। स्कूल बसों के साथ होने वाले हादसे अक्सर इसी का परिणाम होते हैं। बख्तावर चौक पर नवंबर में एक के बाद एक चार कारों की टक्कर हुई थी। इस मामले में दोनों चालक सिग्नल तोड़ रहे थे, जिससे हादसा हुआ।