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पैरोल जंपर गैंगस्टरों को पकड़ने में पुलिस जोर देती तो नहीं दहलता गुरुग्राम

सत्येंद्र ¨सह, गुरुग्राम एक माह में हत्या की दो वारदात अंदाज भी एक ही जैसा, पहली में निशाने पर ए

By Edited By: Published: Wed, 19 Oct 2016 07:03 PM (IST)Updated: Wed, 19 Oct 2016 07:03 PM (IST)
पैरोल जंपर गैंगस्टरों को पकड़ने में पुलिस जोर देती तो नहीं दहलता गुरुग्राम

सत्येंद्र ¨सह, गुरुग्राम

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एक माह में हत्या की दो वारदात अंदाज भी एक ही जैसा, पहली में निशाने पर एक गैंगस्टर तथा दूसरी में गैंगस्टर का बड़ा भाई अंजाम देने वाले कई गैंगस्टरों का समूह इस बात की ओर इंगित कर रहा है कि आने वाले दिनों में शहर में और भी दिल दहला देने वाली वारदात हो सकती है। वर्चस्व की जंग में गैंगस्टर एक दूसरे के परिवार वालों को भी निशाना बनाने लगे हैं। गैंगवार में गुरुग्राम ही नहीं दिल्ली, हरियाणा व यूपी के कई गैंग एक दूसरे से जुड़ गए हैं।

21 सितंबर की रात गैंगस्टर महेश अटैक की हत्या करने में गैंगस्टर कौशल के साथ यूपी के नोएडा निवासी एक गैंगस्टर सहित कई गैंग के गुर्गे शामिल थे। पुलिस के मुताबिक वारदात में वह बदमाश भी शामिल था। जिसने कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप ¨सह सुरजेवाला से रंगदारी मांगी थी। वारदात के प्लान को त्रिस्तरीय बनाया गया था। यदि महेश के लड़के गोली चलाने वालों का पीछा करते तो उन्हें मारने के लिए दूसरी कार में नोएडा का नामी गैंगस्टर अपने गुर्गों के साथ बैठा था। वहीं एक अन्य गैंगस्टर पीछे पार्किग में गुर्गों के साथ खड़ा था। सामने से कौशल ने अपने गुर्गों के साथ मिल हमला किया था। यदि महेश एसयूवी छोड़ पार्किग की ओर भागता तो वहां पर उसे मार दिया जाता। या उसकी मदद के लिए उधर से कोई आता तो उसे भी गोली से छलनी किया जाता। महेश की तरह ही गैंगस्टर ¨बदर के बड़े भाई शराब व दूध के कारोबारी मनीष उर्फ पप्पू की हत्या पूरी रेकी करने के बाद उसी अंदाज में की गई जैसे महेश को मारा गया था। हमलावरों को यदि मोटरसाइकिल छोड़ भागना पड़ता तो कुछ दूर पर उन्हें लेने के लिए कार खड़ी की गई थी। दोनों वारदात में कौशल का नाम सामने आया है पुलिस के मुताबिक गुरुग्राम में एकाधिकार करने की मंशा में अपने कौशल विरोधी को ठिकाने लगा रहा है। बड़ा सवाल है कि पुलिस ने सजायाप्ता पैरोल जंपर कौशल व उसका साथ देने वाले अन्य पैरोल जंपरों को पकड़ा क्यों नहीं। उनका पैरोल बांड भरने वालों के खिलाफ पुलिस ने क्यों नहीं कार्रवाई की, भगोड़ा होने के बाद भी इनामी क्यों नहीं घोषित किया गया।

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गैंगस्टरों को अंदर डालने के पुलिस टीम लगी हुई है। अधिक दिन व खुले में नहीं रह सकेंगे। अगर उनके ऊपर इनाम बनता है तो इनाम घोषित करने की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी।

संदीप खिरवार, पुलिस आयुक्त।


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