ओम नम: शिवाय - नंदा देवी मंदिर पालम विहार
पालम विहार के सी ब्लॉक में स्थित नंदा देवी मंदिर उत्तराखंड की परंपरा के अनुसार बना एकमात्र मंदिर है।
पालम विहार के सी ब्लॉक में स्थित नंदा देवी मंदिर उत्तराखंड की परंपरा के अनुसार बना एकमात्र मंदिर है। इन दिनों मंदिर परिसर में शिव और मां नंदा गौरी मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। मंदिर में सावन के महीने और नवरात्रों के दौरान यहां काफी भक्त आते हैं। मंदिर में कावड़ियों के जलाभिषेक और सावन में रोजाना पूजन के लिए आने वालों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है।
मंदिर की विशेषता
पालम विहार के महत्वपूर्ण मंदिरों में शुमार नंदा देवी मंदिर में कुमाऊं के लोगों के संगठन कुमाऊं भ्रातृ मंडल द्वारा कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। उत्तराखंड की प्रसिद्ध नंदा देवी की पालकी, नवरात्र पर विशेष पूजा आदि धूम धाम से होती है। शिव रात्रि के मौके पर विशेष पूजा और कावड़ियों द्वारा लाए गए गंगा जल से शिव का अभिषेक होता है। काफी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं।
मंदिर का इतिहास
वर्ष 2005 में कुमाऊं भ्रातृ मंडल के नेतृत्व में जमीन अलॉटमेंट के बाद मंदिर निर्माण शुरू हुआ। 2009 से इस मंदिर में पूजा शुरू हुई। नए गुड़गांव के पालम विहार, सेक्टर 21, 22, 23 के अलावा शहर भर के उत्तराखंड से जुड़े लोग यहां आते हैं। मंदिर परिसर में मां नंदा गौरी, शिवालय, शनि मंदिर, हनुमान मंदिर, मां काली और सरस्वती के मंदिर बने हैं। पिछले दिनों यहां भागवत कथा का भी आयोजन किया गया।
ऐसे पहुंचे मंदिर
नंदा देवी मंदिर गुड़गांव रेलवे स्टेशन से करीब दो किमी दूरी पर है। बस स्टैंड से ऑटो या बस से भी यहां पहुंचा जा सकता है। रेलवे स्टेशन की ओर से भी यहां पहुंचा जा सकता है।
मंदिर प्रबंधन ने कहा
मंदिर में सावन के महीने में काफी संख्या में श्रद्धालु आएंगे, इसको ध्यान में रखकर पूरी व्यवस्था की गई। जलाभिषेक और शिवरात्रि की पूजा धूमधाम से होगी। गुड़गांव में मां नंदा गौरी का यह एक मात्र मंदिर है, इसलिए कुमाऊं से यहां आने वालों की विशेष श्रद्धा इस मंदिर में रहती है।
- देवेन्द्र सिंह नेगी, महासचिव कुमाऊं।
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मंदिर में पूरे सावन पूजा और भजन कीर्तन होता है। सितंबर के महीने में मां नंदा देवी की पालकी निकलेगी। यह उत्तराखंड का विशेष आयोजन है, जिसमें गुड़गांव के लोग हिस्सा लेते हैं और कुमाऊं की पूजन परंपरा से परिचित होते हैं। यहां त्योहारों पर भंडारों के आयोजन, श्रीमद् भागवत कथा आदि के भी आयोजन होते हैं।
- हयात सिंह भंडारी, मंदिर कमेटी
प्रबंधक।