सरकार चुस्त, बिजली निगम सुस्त
आदित्य राज, गुड़गांव : साइबर सिटी में तीन साल के भीतर 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का दाव
आदित्य राज, गुड़गांव : साइबर सिटी में तीन साल के भीतर 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का दावा बिजली वितरण निगम की सुस्ती के चलते धूमिल होता जा रहा है। स्मार्ट ग्रिड प्रोजेक्ट को लेकर प्रदेश सरकार जितनी चुस्त दिखाई दे रही है, वितरण निगम उतना ही सुस्त है। योजना बने लगभग एक साल होने को है, लेकिन एक सब डिवीजन में भी अब तक टेंडर तक नहीं खुले हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि योजना कब तक पूरी होगी। शहर के कुल 9 सब डिवीजन में योजना पर काम होना है।
केंद्र सरकार ने स्मार्ट ग्रिड प्रोजेक्ट के लिए साइबर सिटी का चयन किया है। इस पर सात हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए काम करेगा। जबकि हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएन) ट्रांसमिशन सिस्टम विकसित करने पर काम करेगा। दोनों निगमों का काम कछुआ गति से चल रहा है। योजना बनने के बाद महीनों बाद डीएचबीवीएन ने टेंडर जारी किया है। टेंडर 22 जुलाई को खोले जाने थे, लेकिन अब यह 17 अगस्त को खोले जाएंगे। टेंडर खुलने के बाद कार्य आवंटित होने में कम से कम डेढ़ से दो महीने लग जाते हैं। इससे साफ है कि अक्टूबर के अंत तक या नवंबर में ही जाकर जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा। सरकार का दावा है कि वर्ष 2019 के अप्रैल महीने तक प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा।
चार चरणों में पूरा होना है काम
प्रोजेक्ट पर काम चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में डीएचबीवीएन के डीएलएफ सब डिवीजन में काम होगा। दूसरे चरण में सोहना रोड सब डिवीजन एवं साउथ सिटी सब डिवीजन में काम होगा। तीसरे चरण में आईडीसी सब डिवीजन एवं मारुति सब डिवीजन में काम होगा। चौथे चरण में न्यू पालम विहार सब डिवीजन, कादीपुर सब डिवीजन एवं न्यू कालोनी सब डिवीजन में योजना पर काम होगा।
ये मिलेंगी सुविधाएं
प्रोजेक्ट के तहत पूरी बिजली आपूर्ति व्यवस्था दोगुनी कर दी जाएगी। इससे फायदा यह होगा कि एक तरफ से बिजली जाते ही दूसरी तरफ से चालू हो जाएगी। सिस्टम को ऑटोमेटिक बनाया जाएगा, जिससे कि लाइन को चेंज भी न करना पड़े। लाइनें भूमिगत की जाएंगी। सर्किल आफिस में कंट्रोल रूम होगा। कहीं भी गड़बड़ी होने पर कंट्रोल रूप में पता चल जाएगा। किस इलाके में कितना लोड चल रहा है, किस उपभोक्ता ने समय पर बिल जमा नहीं किया। इसकी भी जानकारी कंट्रोल रूम में बैठे-बैठे हासिल की जा सकेगी।
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वर्जन
यह बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है। इसमें किसी भी प्रकार की कमी न रह जाए, इसे लेकर हर विषय पर ध्यान दिया जा रहा है। टेंडर 22 जुलाई को खोले जाने थे, लेकिन देखा गया कि कुछ और सुधार की आवश्यकता है। इस वजह से 17 अगस्त तक समय बढ़ा दिया गया।
-सुधीर छाबड़ा, अधीक्षण अभियंता, डीएचबीवीएन (स्मार्ट ग्रिड प्रोजेक्ट)।