बेटियों ने की भूल, दिया जाए एक मौका : महावीर
अनिल भारद्वाज, गुड़गांव भिवानी जिले का बलाली गांव इन दिनों फिर से चर्चा में है। कारण है, कुश्ती
अनिल भारद्वाज, गुड़गांव
भिवानी जिले का बलाली गांव इन दिनों फिर से चर्चा में है। कारण है, कुश्ती में गांव व देश का नाम रोशन करने वाली गांव की बेटियों पर अनुशासनहीनता का आरोप। इससे पूरा गांव परेशान है। वहीं, दोनों बहनों के गुरु व पिता महावीर पहलवान इसे अपनी बेटियों की अनजाने में की गई भूल मानते हुए उनके लिए एक और मौका मांगने की गुहार लगा रहे हैं।
नहीं पता था कि इतना बढ़ जाएगा मामला
महावीर का कहना है कि गीता-बबीता पर प्रतिबंध लगाने की बात चल रही है, जबकि मंगोलिया में कुश्ती नहीं लड़ने का फैसला करते समय उन्हें जानकारी नहीं थी कि कांस्य पदक के मुकाबले में नहीं उतरने को अनुशासनहीनता माना जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी इस संबध में गीता व बबीता से बात हुई तो दोनों बहनों का कहना था कि उन्होंने सिर्फ यह सोचकर कुश्ती नहीं लड़ी कि स्वर्ण व रजत पदक नहीं मिलेगा, जिससे ओलंपिक क्वालिफाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। महावीर ने बताया कि गांव व अखाड़े की पहलवान लड़कियां इस बात को लेकर बेहद दुखी हैं।
महावीर ने प्रशिक्षकों को लपेटा
महावीर का कहना है कि यह प्रशिक्षकों की जिम्मेदारी थी कि वो खिलाड़ियों को बताए कि यह कुश्ती लड़ना जरूरी है। अगर ऐसा बताया जाता तो दोनो बहने कुश्ती हर हाल में लड़ती।
प्रशिक्षकों की गलती से ही विनेश भी नहीं लड़ पाई
महावीर ने कहा कि विनेश का 400 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण बाहर होना भी प्रशिक्षकों की गलती है। उन्होंने क्यों नहीं 6 घंटे पहले ही वजन किया? किसी भी खिलाड़ी में कुछ ग्राम वजन ज्यादा-कम होता रहता है और अगर प्रशिक्षक ध्यान देते तो 400 ग्राम वजन कम करना बड़ा मामला नहीं था।
किसी भी खिलाड़ी के लिए अनुशासन बेहद जरूरी है, लेकिन दोनों बहनों से यह अनजाने में गलती हुई है। इससे पहले दोनों बहनों की कोई शिकायत नहीं रही है। मैं कुश्ती महासंघ से अपील करता हूं कि अनजाने में हुई गलती को सुधारने के लिए दोनों को एक मौका दे।
- पहलवान महावीर फोगाट, गीता व बबीता के पिता