आयकर विभाग के नोटिस से किसानों में हड़कंप
महावीर यादव, बादशाहपुर : बादशाहपुर व आसपास के किसानों को मुआवजे के तौर पर मिली भारी भरकम रकम पर ब
महावीर यादव, बादशाहपुर : बादशाहपुर व आसपास के किसानों को मुआवजे के तौर पर मिली भारी भरकम रकम पर ब्याज से होने वाली आय पर आयकर विभाग की नजर पड़ गई है। जमीन के पैसे पर ब्याज से होने वाली आय को विभाग ने टैक्सेबल आय मानते हुए आसपास के गावों के हजारों किसानों को नोटिस थमा दिया है। इससे किसान बेचैन हैं। उन्होंने स्थानीय सासद व केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री राव इद्रजीत से मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई है। राव इंद्रजीत ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा है। बता दें कि बादशाहपुर के आसपास रिहायशी क्षेत्र में आने के बाद खेती की जमीन की कीमत में भारी उछाल आ गया था। 2007 के बाद जमीन का रेट 2 करोड़ प्रति एकड़ से बढ़कर 10 करोड़ प्रति एकड़ तक पहुंच गया। किसानों ने अपनी जमीन बिल्डरों को बेच दी। जमींदारों में चर्चा थी कि जमीन के पैसे पर किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगता। इसलिए किसानों ने इस पैसे का कोई हिसाब भी नहीं रखा। जहा जैसे मन आया वैसे ही खर्च कर दिया।
खेड़की दौला, मानेसर व ढाणा के किसानों को मिले नोटिस
मानेसर आइएमटी बनाने के लिए 1994 में एचएसआईडीसी ने आसपास के कई गावों के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था। उस समय तो जमीन के रेट मात्र दो से अढ़ाई लाख थे, परतु बाद में किसानों ने हाईकोर्ट में अपील की तो हाईकोर्ट ने इस राशि को बढ़ाकर प्रति एकड़ करीब 50 से 60 लाख रूपये कर दिया। किसानों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद मोटी रकम मिल गई।
किसानों को आयकर विभाग की तरफ से नोटिस मिल रहे है। लोग इस बात से बिल्कुल निश्चित थे कि जमीन के पैसे पर कोई टैक्स नहीं लगता। नोटिस आने के बाद आसपास के गावों के लोगों ने सासद राव इद्रजीत से मुलाकात कर अपनी समस्या रखी।
-मूलचंद सरपंच, ढाड़ा गांव।
मैंने किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र भी लिख दिया है। किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए संबंधित विभाग से उचित दिशा निर्देश देने का अनुरोध किया है। मुझे किसानों की समस्या के समाधान की उम्मीद है।
-राव इंद्रजीत सिंह, सांसद गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र।