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गुड़गांव पुलिस और नंदू गिरोह में मुठभेड़, दो काबू

सोनू यादव, गुड़गांव : राजस्थान में जयपुर-अजमेर हाईवे पर बगरोता के पास शुक्रवार को गुड़गांव पुलिस और एस

By Edited By: Published: Sat, 30 Apr 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 30 Apr 2016 01:01 AM (IST)
गुड़गांव पुलिस और नंदू गिरोह में मुठभेड़, दो काबू

सोनू यादव, गुड़गांव : राजस्थान में जयपुर-अजमेर हाईवे पर बगरोता के पास शुक्रवार को गुड़गांव पुलिस और एसयूवी लूट के लिए कुख्यात नंदू गिरोह में मुठभेड़ हो गई। दोनों ओर से करीब अठारह राउंड गोलियां चलीं, लेकिन गिरोह का सरगना नंदू अपने साथी गुलशन और सचिन के साथ मुठभेड़ के दौरान भागने में कामयाब हो गया। भागने के दौरान नंदू ने फॉ‌र्च्यूनर कार से एक ऑटो और एक बाइक सवार को कुचल दिया। लेकिन पुलिस बदमाशों का पीछा करने के बावजूद पकड़ नहीं पाई। वहीं फा‌र्च्यूनर कार लूट मामले में इस गिरोह की तलाश में जुटी क्राइम ब्रांच की दूसरी टीम के जवानों ने गिरोह के अमित गुलिया और प्रदीप नामक दो गुर्गो को गुड़गांव के खेड़की दौला इलाके में दबोच लिया। ये दोनों दिल्ली में आधा दर्जन हत्याएं और एसयूवी लूट के मामलों में वांछित हैं। इनके पास से पुलिस ने पांच पिस्टल और दिल्ली के महिपालपुर से लूटी गई फॉ‌र्च्यूनर कार बरामद की है। अमित पर दिल्ली पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा है। यह झज्जर के लाडपुर का मूल निवासी है। फिलहाल दिल्ली के नजफगढ़ में रहता है। वहीं प्रदीप भिवानी के कादमा का रहने वाला है।

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दरअसल 21 अप्रैल को गुड़गांव के बेकरी व्यापारी से हुई फो‌र्च्यूनर कार लूट मामले में सेक्टर 46 अपराध शाखा प्रथम के प्रभारी यशवंत सिंह जुटे थे। शुक्रवार को उन्हें गिरोह के बारे सूचना मिली थी। चार टीमें रेड के लिए तैयार की गई। एक टीम क ो बदमाशों की रेकी के लिए जयपुर-अजमेर हाईवे पर भेजा गया था। एसआई सुरेंद्र के नेतृत्व में तैनात टीम ने सड़क के दूसरी ओर दिल्ली नंबर की फो‌र्च्यूनर कार खड़ी देखी। पुलिस टीम ने कार रोकी और एक पुलिसकर्मी फोरच्यूनर कार के पास गया और पूछताछ करने लगा। इसी दौरान उसने कार में सवार नंदू, गुलशन व सचिन क ो पहचान लिया। तभी बदमाशों ने फायर शुरु कर दिए। जवाब में पुलिस ने भी फाय¨रग की। दोनों ओर से 18 राउंड गोलियां चलीं। लेकिन बदमाश कार लेकर भाग निकले।

नंदू व अन्य दोनों भी हैं इनामी बदमाश

नंदू का भाई ज्योति भी बड़ा गैंगस्टर है। दोनों मूल रूप से महेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं। जबकि नजफगढ़ में रहते हैं। ज्योति हत्याओं व अपहरण के आरोप में फिलहाल जेल में है। कुख्यात विकास लगरपुरिया गिरोह के साथ भी इनका गहरा नाता है। पिछले दिनों इन्होंने अपने साथी डॉ. सुनील की हत्या का बदला लेते हुए दिल्ली में करीब आधा दर्जन हत्याओं को अंजाम दिया है। डॉ. सुनील की हत्या मित्राउ निवासी गैंगस्टर मंजीत महाल व घुम्मनहेड़ा निवासी नफे सिंह उर्फ मंत्री ने की थी। इसका बदला लेते हुए नंदू व अन्य ने मंत्री के पिता दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त एसआई की हत्या करते हुए उसकी मां व पत्‍‌नी को गोली मार दी थी। जबकि दिल्ली के ही शिकारपुर गांव में एक पिता-पुत्र की हत्या कर दी थी।

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वर्जन

कुख्यात गिरोह के दो गुर्गो को काबू कर लिया गया है। तीन अन्य आरोपी फरार हो गए। उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

-बलबीर सिंह, पुलिस उपायुक्त अपराध गुड़गांव।


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