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करोड़ों कमाए फिर भी धीमी विकास की रफ्तार

संदीप रतन, गुड़गांव : आधुनिकता की राह पर तेजी से दौड़ रहे साइबर सिटी के कई हिस्सों में अभी भी विकास पर

By Edited By: Published: Mon, 30 Nov 2015 07:14 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2015 07:14 PM (IST)
करोड़ों कमाए फिर भी धीमी विकास की रफ्तार

संदीप रतन, गुड़गांव : आधुनिकता की राह पर तेजी से दौड़ रहे साइबर सिटी के कई हिस्सों में अभी भी विकास पर ब्रेक लगे हैं। जगमगाहट और चकाचौंध सिर्फ पाश इलाकों तक ही सिमटी है। करोड़ों रुपये टैक्स के रूप में वसूलने के बावजूद पुराना गुड़गांव और शहर के बीचोंबीच स्थित नगर निगम क्षेत्र के गांव व यहां तक कि कई सेक्टरों में भी जरूरी सुविधाओं की पहुंच अभी तक नहीं है।

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सरकारी महकमों के बड़े-बड़े दावे हकीकत के सामने बौने नजर आ रहे हैं। न्यू गुड़गांव और ओल्ड गुड़गांव के बीच की फर्क की दूरी को पाटने के लिए सरकारी विभागों को गंभीरता बरतने की जरूरत है।

निगम की झोली में आए तीन सौ करोड़

नए वित्त वर्ष अप्रैल से 30 नवंबर तक नगर निगम को तीन अरब 96 लाख रुपये से ज्यादा का प्रोपर्टी टैक्स मिल चुका है। अब 31 दिसंबर 2015 तक प्रोपर्टी जमा कराने पर 30 प्रतिशत छूट मिलेगी। पहले भी दो बार तिथियां बढ़ाकर प्रापर्टी टैक्स में छूट दी गई थी। टैक्स के रूप में मिले तीन सौ करोड़ से शहर में अटके प्रोजेक्ट सहित विकास की योजनाओं पर अगर खर्च किया जाए तो शहरवासियों को काफी फायदा मिल सकता है।

ये टैक्स भी कर रहे जेब ढ़ीली

सिर्फ प्रोपर्टी टैक्स ही नहीं अन्य कई तरह के टैक्स भी आम आदमी की जेब को ढीला कर रहे हैं। नगर निगम को स्टांप ड्यूटी, फायर टैक्स, विज्ञापन कर, एक्साइज ड्यूटी, व्हीकल टैक्स, लाइसेंस फीस सहित कई तरह के टैक्स से नगर निगम को करोड़ों रुपये की आय हो रही है।

लाखों का बजट निर्धारित

2015-16 के लिए नगर निगम ने 170803.72 लाख रुपये का अनुमानित बजट शहर में विकास कार्यो पर खर्च करने के लिए तैयार किया है जिसमें कई प्रोजेक्ट, सफाई व्यवस्था आदि शामिल हैं।

विकास पर हुडा व निगम की राहें अलग

विकास के मामले में नगर निगम और हुडा की सहमति नहीं बन पा रही है। सेक्टरों से भी निगम द्वारा ही प्रोपर्टी टैक्स वसूलने के कारण हुडा विकास व मरम्मत कार्यो को लेकर आनाकानी कर रहा है। फिलहाल सेक्टरों को नगर निगम के अधीन ट्रांसफर करने का मामला भी अटका हुआ है।

किस जोन से कितना मिला टैक्स

जोन टैक्स मिला (लाख रुपये)

1 193, 566,238

2 860,586,599

3 1308,313,795

4 647,287,856

इन फाइलों को खुलने का इंतजार

पेयजल कनेक्शन : नगर निगम क्षेत्र के 40 गांवों में पेयजल की भारी किल्लत है। हुडा से नगर निगम अभी तक पेयजल कनेक्शन नहीं ले पाया है।

डेयरी शिफ्टिंग : सालों से प्रोजेक्ट अटका हुआ है। नगर निगम डेयरियों को शिफ्ट करने के लिए जमीन भी नहीं तलाश पाया है।

मल्टीलेवल पार्किंग : पार्किंग की कमी पूरे शहर में है। बाजारों में पार्किंग बनाने की योजना सालों से अटकी है।

अंडरपास : दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस वे के तीन मुख्य चौराहों पर अंडरपास बनाने की फाइल आगे नहीं बढ़ पा रही है। टै्रफिक कंट्रोल के लिए अंडर पास की जरूरत है।

सीसीटीवी कैमरे : मुख्य बाजारों और चौराहों पर कैमरे लगाने की योजना फिलहाल सिरे नहीं चढ़ पाई है। हालांकि जल्द ही योजना पर अमल होने की उम्मीद है

सड़कें : शहर की सड़कें मानसून की एक बारिश भी नहीं झेल पा रही हैं। गत जुलाई-अगस्त में पूरे शहर की सड़कें जर्जर हो गई थी। निर्माण कार्यो में गुणवत्ता लाने की जरूरत है।

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'' 31 दिसंबर तक प्रोपर्टी टैक्स जमा कराने पर छूट मिलेगी। टैक्स को शहर के विकास कार्यो पर खर्च किया जाएगा। पुराने अटके हुए प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ''

-महेश कुमार, संयुक्त आयुक्त नगर निगम गुड़गांव।


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