आवारा कुत्ते पकड़ने के लिए नहीं है इंतजाम
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम के पास शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ने के इंतजाम नहीं है। हुडा
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम के पास शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ने के इंतजाम नहीं है। हुडा के सेक्टरों में भी यही स्थिति है। शहर के सामान्य अस्पताल में कुत्तों के काटने के रोजाना चार से पांच केस पहुंच रहे हैं। बीपीएल कार्ड धारकों के लिए सामान्य अस्पताल में फ्री में एंटी रैबीज टीका लगाने का प्रावधान किया गया है। वहीं अन्य लोगों को इसके लिए 100 रुपये फीस के रूप में चुकाने पड़ते हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के काटने के मामले की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और केरल सरकार ने जवाब मांगा है।
पुराने गुड़गांव सहित सेक्टरों में भी समस्या
पुराने गुड़गांव की कालोनियों के साथ -साथ न्यू गुड़गांव के पाश सेक्टरों में भी आवारा कुत्तों की समस्या ज्यादा है। कई बार बच्चे भी कुत्तों के काटने के शिकार हो जाते हैं, लेकिन नगर निगम व हुडा इसके प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।
डेढ़ साल पहले कांट्रेक्ट खत्म
नगर निगम ने शहर में दो एनजीओ से कुत्ते पकड़ने का कांट्रेक्ट किया था, लेकिन करीब डेढ़ साल पहले कांट्रेक्ट खत्म होने के बाद से नया कांट्रेक्ट किसी को नहीं दिया गया है। नतीजन इसका खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
खतरनाक होता है वायरस
रैबीज वायरस काफी खतरनाक होता है। चिकित्सकों के मुताबिक कुत्ते के काटने के बाद अगर कुत्ते की मौत हो जाती है तो एंटी रैबीज टीका लगवाना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। खासतौर पर बच्चों को आवारा कुत्तों से बचाने की जरूरत है। स्कूल जाते वक्त या गली व पार्क में खेलते समय बच्चे आवारा कुत्तों के काटने का शिकार हो रहे हैं। अभिभावकों को सावधानी बरतने की जरूरत है।