नमक से बने कमरे में अस्थमा बीमारी का इलाज
जासं, गुड़गांव : जर्मन नमक से बने एक कमरे को अस्थमा के मरीजों के लिए सॉल्ट रूम थैरेपी के रूप में इस्त
जासं, गुड़गांव : जर्मन नमक से बने एक कमरे को अस्थमा के मरीजों के लिए सॉल्ट रूम थैरेपी के रूप में इस्तेमाल किया जाए रहा है। प्रदूषण व धुंध के कारण अस्थमा के मरीजों में सांस लेने की परेशानी बढ़ जाती है। एक कंपनी एसआरटी इंडिया ने सॉल्ट रूम थैरेपी की व्यवस्था की है। इस थैरेपी से रोगियों को बिना किसी दवाइयों के इन्हेलर से छुटकारा मिल सकेगा। इसके लिए रोगियों को कुछ देर के लिए नमक से बने कमरे में बैठना होगा। कंपनी की संस्थापक अंजू चादना ने एक प्रेसवार्ता में दावा किया कि इस थैरेपी से पुराने अस्थमा रोगियों को भी काफी आराम मिला है। यह जर्मनी का नमक है, जिसमें सोडियम क्लोराइड की मात्रा 99.9 होती है। जबकि सामान्य नमक में सोडियम क्लोराइड की मात्रा 99.6 तक होती है। यूरोप के देशों में यह थैरेपी दशकों से चली आ रही है और इस थैरेपी का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, लेकिन टयूबरक्लोसिस के मरीजों को इससे खतरा हो सकता है। पौलेंड के डाक्टरों ने इस थैरेपी की शुरुआत की थी।