Move to Jagran APP

प्राध्यापकों की कमी ने बढ़ाई निजी ट्यूशन की मांग

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : शहर के राजकीय महाविद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए संसाधनों का

By Edited By: Published: Mon, 31 Aug 2015 03:42 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2015 03:42 PM (IST)
प्राध्यापकों की कमी ने बढ़ाई 
निजी ट्यूशन की मांग

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : शहर के राजकीय महाविद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए संसाधनों का अभाव बड़ी परेशानी साबित हो रहा है। कॉलेजों में सेमेस्टर परीक्षाओं की तारीख भी आने को है। ऐसे में विद्यार्थियों की समस्या और बढ़ गई है। सभी कॉलेज संसाधनों, यहां तक कक्षाएं लगाने के लिए कमरों से लेकर प्राध्यापकों तक की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में पढ़ाई तो केवल भगवान भरोसे ही है। विद्यार्थी इस समस्या से निपटने के लिए ट्यूशन का सहारा ले रहे हैं। दिक्कत यह है कि कॉलेजों में उपस्थिति भी पूरी करनी है और कोर्स भी। ऐसे में विद्यार्थी आखिरी समय का सामंजस्य बिठाएं भी तो कैसे।

loksabha election banner

कॉलेजों में इस समय तक जहां काफी हद तक पाठ्यक्रम पूरा कर लिया जाना चाहिए था, वहां अभी कहीं-कहीं तो शुरुआत भी नहीं हुई है। विज्ञान की छात्रा निधि के मुताबिक अभी तक कोर्स दस प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में दिसंबर में होने वाली परीक्षा में वे क्या करेंगी उन्हें खुद नहीं पता। उनके मुताबिक उन्होंने इसी हफ्ते ट्यूशन शुरू किया है। छात्र प्रद्युमन के मुताबिक कक्षाएं न लगने और प्राध्यापकों की कमी के चलते उन्होंने अभी तक सेमेस्टर सिलेबस का एक अंश भी नहीं पूरा किया है। अब परीक्षा की तिथि सुनकर ट्यूशन करने जा रहे हैं। सेक्टर 14 स्थित कॉलेज की प्राचार्य इंदू जैन ने बताया कि सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए विद्यार्थी कोर्स पूरा करने के लिए ट्यूशन का सहारा लेते हैं। उनके मुताबिक कॉलेज प्रबंधन पूरी कोशिश कर रहा है कि इस दौरान बचे हुए समय में कोर्स पूरा करवा दे। उनके मुताबिक यहां का कोर्स व पाठ्यक्रम भी डीयू की तर्ज पर बनाया जाने लगा है। ऐसे में पारंपरिक पद्यति से पढ़े माता-पिता भी सक्षम नहीं होते कि वे पढ़ा सकें। ऐसे में ट्यूशन को ही प्राथमिकता देते हैं।

शहर के तीनों कॉलेजों में इस समय प्राध्यापकों की संख्या काफी कम है। द्रोणाचार्य स्थित कॉलेज में कॉमर्स विभाग में बीस शिक्षकों की जरूरत है लेकिन मात्र साढ़े चार शिक्षक ही पढ़ाई करवा रहे हैं। ऐसे में विद्यार्थियों को सत्र की शुरुआत से ही पाठ्यक्रम की चिंता हो गई है और वे निजी ट्यूशन की तरफ रुख कर रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.