वन अधिकारियों की लापरवाही से उजड़ रही हरियाली
आदित्य राज, गुड़गांव : जिले के विभिन्न इलाकों में हरियाली खत्म चल रही कुल्हाड़ी के लिए बहुत हद तक व
आदित्य राज, गुड़गांव : जिले के विभिन्न इलाकों में हरियाली खत्म चल रही कुल्हाड़ी के लिए बहुत हद तक वन विभाग के अधिकारी ही जिम्मेदार हैं। विभाग के अधिकारी मानेसर एवं फरुखनगर तहसील को सेक्शन चार के दायरे में लाना ही भूल गए। अब ऐसा लगता है, जैसे अधिकारियों से भूल नहीं हुई, बल्कि कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर ऐसा किया गया। यदि भूल हुई होती तो इसे अब तक सुधार दिया जाता।
हरियाली को बचाने के लिए वन संरक्षण अधिनियम के तहत सेक्शन चार लागू किया जाता है। जिले में कई वर्षो से यह लागू है। इसे लागू होने के बाद वन विभाग से अनुमति लेने पर ही पेड़ों को काटने का प्रावधान है। बिना अनुमति के पेड़ों की कटाई करने पर जुर्माने का प्रावधान है। सेक्शन चार लागू कुछ वर्षो के लिए किया जाता है। समय पूरा होने के बाद उसका नवीनीकरण किया जाता है यानी समय सीमा बढ़ाई जाती है। दो साल पहले नवीनीकरण का कार्य किया गया, उस दौरान अधिकारियों ने मानेसर एवं फरुखनगर तहसील का नाम लिखा ही नहीं। इस वजह से दोनों सेक्शन चार के दायरे से बाहर आ गए। कुछ ही महीने बाद भी मामला उजागर हो गया था। इसके बाद भी ठीक नहीं करना यह दर्शाता है कि किसी न किसी सोची समझी साजिश के तहत मानेसर एवं फरुखनगर को सेक्शन चार के दायरे में नहीं लिया गया। अधिकारी दो साल से तर्क देते आ रहे हैं कि फाइल बनाकर ऊपर भेजी हुई है।
धड़ल्ले से चल रही पेड़ों की कटाई
मानेसर एवं फरुखनगर तहसील सेक्शन चार के दायरे से बाहर है, इस बारे में हर किसी को जानकारी हो चुकी है। इसका फायदा सभी उठा रहे हैं। गांव सिधरावली स्थित एक फैक्ट्री की हरियाली खत्म कर दी गई। इस बारे में बार-बार शिकायत की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। मानेसर इलाके में अरावली पहाड़ी क्षेत्र में पेड़ों की कटाई की शिकायतें आती रहती हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं। अभी गत सप्ताह अरावली पहाड़ी पर बाबा बिसाह भगत पूरण मल मंदिर परिसर में जेसीबी चलाकर हरियाली को उजाड़ दिया गया। लोगों ने शिकायत की। मौके पर वन अधिकारी एवं कर्मचारी गए लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। अधिकारी बहाना बना रहे हैं कि सेक्शन चार लागू न होने से वह कार्रवाई नहीं कर सकते। फिर हरियाली उजड़ने के लिए कौन जिम्मेदार है। मानेसर निवासी व पर्यावरण कार्यकर्ता राजेश यादव कहते हैं मानेसर एवं फरुखनगर में पेड़ों की कटाई के लिए वन अधिकारी जिम्मेदार हैं। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। जब आम आदमी पर कार्रवाई हो सकती है फिर वन अधिकारियों पर क्यों नहीं। मंदिर परिसर में हरियाली उजाड़ दी गई और वन अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं, फिर क्यों चलाते हैं पौधरोपण अभियान।
.................
वर्जन
''मानेसर एवं फरुखनगर तहसील सेक्शन चार के दायरे से बाहर हैं इसलिए कार्रवाई नहीं कर सकते। जल्द ही दोनों को सेक्शन चार के दायरे में लाया जाएगा।''
-वास्वी त्यागी, उप वन संरक्षक, गुड़गांव।