जेल में चैट करते मिले कैदी
जागरण संवाददाता, भोंडसी (गुड़गांव) : प्रदेश की सबसे सुरक्षित जेल की श्रेणी में अव्वल भोंडसी जेल मे
जागरण संवाददाता, भोंडसी (गुड़गांव) : प्रदेश की सबसे सुरक्षित जेल की श्रेणी में अव्वल भोंडसी जेल में अब भी कैदी बैरक में बंद होने के बाद भी फेसबुक, वाट्सएप व अन्य सोशल साइटो के जरिए अपने गुर्गो और सगे संबंधियों से ऑनलाइन रहते हैं। शनिवार रात जेल प्रशासन द्वारा की गई छापेमारी के बाद यह बाम सामने आई। चार कैदियों के पास से स्मार्ट फोन के साथ चार अतिरिक्त बैट्री व चार्जर के के साथ चार सिम बरामद हुए। जबकि दो मोबाइल बैरक में पड़े पाए गए।
खास बात यह रही कि सभी सिम में नेट पैकेज भी पड़ा हुआ था। इसके चलते ही आरोपी कैदी चैटिंग कर रहे थे। सहायक जेल अधीक्षक अजय की शिकायत पर भोंडसी थाना में चारों कैदियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। मोबाइल व सिम रीतू कुमार निवासी खेड़की दौला, देवीलाल निवासी गांव पृथला जिला पलवल, हरीश निवासी बालखनकलां जिला रेवाड़ी तथा सुनील निवासी गोहना सोनीपत के पास से मिले हैं। सभी अलग-अलग मामलों में हुई सजा काट रहे हैं।
जेलकर्मियों की मिलीभगत हो सकती है
जेल प्रशासन द्वारा लगातार सख्ती बरतने के बाद भी आए दिन कैदियों के पास से मोबाइल मिलने से अधिकारी बेचैन नजर आए। उन्हें सूझ नहीं रहा कि क्या करें कि कैदी के पास मोबाइल न पाए। वहीं यह कहा जा सकता है कि कुछ वार्डन ही कैदियों के दूत बने हुए हैं।
कब-कब मिले मोबाइल
-16 अगस्त 2014 कैदियों के पास से मिले दस मोबाइल
-27 जनवरी 2015 कैदियों के पास से मिले पंद्रह मोबाइल
- 10 अप्रैल 2015 फिर मिले कैदियों के पास से मोबाइल
- 12 जुलाई 2015 दो कैदियों के पास से मिले मोबाइल
वर्जन
कैदियों के पास से मोबाइल से जेल की चौकसी पर सवाल खडे़ होते हैं, मोबाइल से गैंगस्टर अभी भी अपने गैंग ऑपरेट कर रहे हैं। जेल प्रशासन चौकसी नहीं बढ़ाएगा तो पुलिस को सर्च अभियान चलाना पड़ेगा।
-राजेश कुमार एसीपी (क्राइम)।