Move to Jagran APP

नन्हें कदम तय कर रहे बड़ी उड़ानें

सत्येंद्र सिंह, गुड़गांव कुछ करने का जुनून व जज्बा हो तो व्यक्ति के आगे पहाड़ भी बौना हो जाता है। क

By Edited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 01:09 AM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 01:09 AM (IST)
नन्हें कदम तय कर रहे बड़ी उड़ानें

सत्येंद्र सिंह, गुड़गांव

prime article banner

कुछ करने का जुनून व जज्बा हो तो व्यक्ति के आगे पहाड़ भी बौना हो जाता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है 12 वर्षीय साक्षी ने। साक्षी ने राष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिता में सोने के कई तमगे बटोर रखे हैं। नन्हीं जल परी का अगला लक्ष्य है, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुड़गांव का नाम रोशन करना। इसी मंजिल को पाने के लिए वह रोजाना चार घंटे कड़ी मेहनत करती हैं। साक्षी की लगन और मेहनत को देखते हुए उसे सभी जलपरी के नाम से पुकारते हैं।

आठवीं कक्षा की इस छात्रा ने चार साल पहले ही तैराकी की ओर अपना पहला कदम बढ़ाया था। साक्षी के माता-पिता साक्षी के बड़े भाई को तैराक बनाना चाहते थे। साक्षी की मां सरिता उनके भाई को लेकर बाबा गंगनाथ स्विमिंग सेंटर आती थीं। भाई के साथ आने पर साक्षी के मन में भी तैराकी के सीखने की ललक जगी। भाई के साथ ही उसने भी तैराकी का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। लगभग पंद्रह दिनों के प्रशिक्षण के बाद साक्षी के कोच को साक्षी में असीम संभावनाएं नजर आई। हरियाणा पुलिस में डीएसपी साक्षी के पिता बलवान सिंह ने बेटी की प्रतिभा को देखकर उसे विधिवत कोचिंग दिलवाना शुरू किया। तैराकी के साथ ही साक्षी ने पढ़ाई में भी बेहतर प्रदर्शन किया। तैराकी में जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर में जीत हासिल करने के बाद हाल ही में दिल्ली में आयोजित की गई राष्ट्रीय स्कूल तैराकी प्रतियोगिता में साक्षी ने विभिन्न वर्ग में पांच स्वर्ण पदक हासिल किए।

बेटी की उपलब्धियां पिता बलवान सिंह पुरस्कार और सम्मान के रूप में देख लेते हैं, लेकिन जीत के पीछे की कड़ी मेहनत मां ही जानती है। बेटी की मेहनत और लगन की इस आग को साक्षी की मां नहीं बुझने देना चाहती हैं। इसीलिए वह राजकीय विद्यालय में शिक्षक होने के साथ ही मां का फर्ज अदा करने से भी पीछे नहीं हटना चाहती। सरिता साक्षी को लेकर सुबह साढ़े सात बजे तैराकी सेंटर पहुंच जाती है। साक्षी के प्रशिक्षण तक वह वहीं रुकती है और इसके बाद दोनों केंद्र में ही नाश्ता करते हैं। इसके बाद वह साक्षी को स्कूल को छोड़कर अपने स्कूल चली जाती हैं। स्कूल की छुट्टी के बाद वह फिर एक बार दो घंटे के लिए स्विमिंग सेंटर जाते हैं। मां के इस संघर्ष की थकान को साक्षी अपनी जीत से उतार देना चाहती हैं।

---------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.