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अस्पताल में डॉक्टरों के आने का नहीं समय

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : स्वास्थ्य मंत्री कितने भी निर्देश जारी कर दें लेकिन चिकित्सकों की मनमानी

By Edited By: Published: Tue, 07 Jul 2015 08:20 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2015 08:20 PM (IST)
अस्पताल में डॉक्टरों के आने का नहीं समय

जागरण संवाददाता, गुड़गांव : स्वास्थ्य मंत्री कितने भी निर्देश जारी कर दें लेकिन चिकित्सकों की मनमानी कम नहीं हो रही है। सेक्टर दस स्थित अस्पताल में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। मंगलवार सुबह यहां ओपीडी में सुबह नौ बजे तक कई चिकित्सक नहीं पहुंचे।

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मंगलवार सुबह डाक्टरों के देर से आने और स्टाफ द्वारा समय पर काम नहीं करने की लापरवाही देखी गई। हालात यह हैं कि जिला अस्पताल से जिस गायनी वार्ड को सेक्टर-10 अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है वहां की स्टाफ नर्स को यह जानकारी तक नहीं है कि गायनी वार्ड में कितने बेड हैं और अभी हाल में कितने मरीज गायनी वार्ड में दाखिल हैं।

अस्पताल में सुबह आठ बजे ओपीडी समय शुरू होती है लेकिन डाक्टर आराम से नौ बजे तक पहुंच रहे हैं। मरीज सुबह आठ बजे पहुंच जाते हैं लेकिन डाक्टर नहीं आने से इंतजार में बैठे रहते हैं। देर से आने वाले डाक्टरों को कोई पूछने वाला नहीं है। क्योंकि सभी की रजिस्टर में हाजिरी नहीं लगी थी। अस्पताल में सफाई कर्मचारी ओपीडी की साफ-सफाई जरूर समय पर कर रहे हैं। कुछ ओपीडी को ताले लगे हुए हैं।

अस्पताल के लैब में स्टाफ नौ बजे के करीब टेस्ट करना शुरू करते हैं। जबकि मरीजों की तरफ से बताया जा रहा है कि 12 बजे के बाद टेस्ट नहीं किए जाते। अगर किसी पुरुष व महिला मरीज को यूरीन टेस्ट के लिए शौचालय जाना है तो एक ही शौचालय उपलब्ध है।

मरीजों की शिकायत है कि अगर ओपीडी कार्ड बनवाने के लिए 10 रुपये दिए गए तो बहुत कम उम्मीद होती है कि पांच रुपये वापस मिल जाएं। स्टाफ का बहाना रहता है कि पैसे खुले नहीं है। ऐसा सुबह सुबह आने वाले मरीजों के साथ ज्यादा होता है। सेक्टर-दस अस्पताल में दंत, गायनी, मेडिसन, शिशुरोग, आंख व आयुर्वेद की ओपीडी है।

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कुछ डाक्टरों की सीट खाली थी। हो सकता है कि वह किसी काम से सीट इधर-उधर गए हों। मरीजों की देखभाल में कोई कमी नहीं है। उपलब्ध संसाधनों से बेहतर सेवा करने का प्रयास किया जा रहा है।

-डा. जयभगवान जाटान, सेक्टर दस अस्पताल प्रभारी

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मैं खुद औचक निरीक्षण करूंगी। समय पर न आने वाले डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ओपीडी कार्ड के लिए खुले पैसे रखे जाएंगे ताकि मरीज को कोई परेशानी न हो।

- डा. पुष्पा बिश्नोई, सिविल सर्जन।


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