उद्योगपति करेंगे सहयोग
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : साइबर सिटी के अनुरूप पुलिस सिस्टम को बनाने के लिए पुलिस आयुक्त नवदीप सिंह
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : साइबर सिटी के अनुरूप पुलिस सिस्टम को बनाने के लिए पुलिस आयुक्त नवदीप सिंह विर्क की मुहिम 'कम्युनिटी पुलिसिंग 2.0 मेकिंग गुड़गांव ए सेफर सिटी' को पंख लग गए हैं। योजना की आधारशिला रखने के पहले विभिन्न क्षेत्र के 33 नामी-गिरामी संस्थानों व कंपनियों के संचालकों ने लिखित में आर्थिक से लेकर मानवीय सहयोग करने का लिखित में आश्वासन दिया है। इनमें से चार कंपनियों के संचालकों ने 145 लाख रुपये की रकम आर्थिक सहयोग के रूप में देने के का एलान भी कर दिया है।
दरअसल, पुलिस आयुक्त ने अपनी पहल को सिरे चढ़ाने के लिए बुधवार को विभिन्न औद्योगिक घरानों के साथ बैठक की थी। पुलिस आयुक्त ने बैठक में शामिल लोगों को मौजूदा संसाधनों की तस्वीर के साथ निजी क्षेत्र की सहभागिता के बाद पुलिस महकमे की बनने वाली तस्वीर की बानगी दिखाई थी। इसके बाद ही कंपनी संचालकों ने हर संभव मदद करने का वादा किया। कई कंपनी संचालकों ने इस मुहिम की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें नियम के तहत आमदनी की दो फीसद राशि जनहित के कार्य में खर्च करनी पड़ती है। कहां खर्च करना है इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति रहती थी लेकिन अब वह पुलिस सिस्टम में सुधार के लिए रकम खर्च करने के साथ ही अन्य सहयोग करेंगे। पुलिस तंत्र मजबूत होगा तो लाभ उन्हें भी मिलेगा।
उम्मीद से अधिक मिला
बृहस्पतिवार को मीडिया के साथ अपनी मुहिम को शेयर करते वक्त पुलिस आयुक्त नवदीप सिंह विर्क काफी खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि गुड़गांव से जुड़े देश के जाने-माने औद्योगिक घरानों ने हर स्तर पर मदद करने का यकीन दिलाया है। डीएलएफ ने एक करोड़, होंडा ने 25 लाख, नागारो ने पांच लाख और सुकैम पॉवर ने 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का एलान भी कर दिया। यहां तक कि गूगल कंपनी ने भी साइबर टूल्स बनाने से लेकर सॉफ्टवेयर विकसित करने और पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग देने का भरोसा दिलाया।
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पारदर्शिता से काम करेगी एसएसजी कम्युनिटी पुलिस के लिए कारपोरेट्स द्वारा दी जा रही आर्थिक मदद के प्रबंधन में पारदर्शिता होगी। प्रबंधन की जिम्मेदारी हाईपावर कमेटी की होगी जिसके सदस्य पुलिस अधिकारी से लेकर कई कंपनियों के संचालक होंगे। कमेटी का नाम सोसायटी फार सेफ गुड़गांव (एसएसजी) रखा गया है। मई के पहले सोमवार तक इसका रजिस्ट्रेशन आयकर विभाग सहित अन्य सरकारी महकमो में करा दिया जाएगा। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए केपीएमजी को आय व्यय की जाच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
किसका क्या होगा अंशदान
- गुगल- टेक्नोलॉजी, एप्लीकेशन आदि
- माइक्रोमैक्स - स्मार्ट डिवाइस व टेक्नोलॉजी
- मारुती सुजुकी - रोड सेफ्टी, व्हीकल्स, ट्रैफिक उपकरण, सुरक्षा गार्ड
- इंडिया बुल्स- व्हीकल्स, मैनपॉवर आदि
- मेकमाई ट्रीप- टेक्नोलॉजी
- मेदाता- पुलिस के लिए हेल्थ केयर।
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कम्युनिटी पुलिसिंग अंग्रेजों के जमाने से प्रचलन में है। पहले ठीकरी पहरा में पुलिस लोगों की मदद लेती थी। अभी भी ले रही है। पहले पार्ट में आरडब्ल्यूए की मदद ली गई और दूसरे में निजी क्षेत्र की कंपनियों की मदद ली जा रही है। गुड़गांव शहर के अनुरूप पुलिस सिस्टम बनाने के लिए यह कवायद शुरू हुई। इसके अच्छे नतीजे जल्द सामने आएंगे। सौ से अधिक कंपनी के संचालक सहयोग के लिए आगे आ चुके हैं।
- नवदीप सिंह विर्क, पुलिस आयुक्त।