शराब तस्करों का जाल
सत्येंद्र सिंह, गुड़गांव : शराब तस्करों द्वारा गांव तिगरा में पुलिस पार्टी पर हुए हमले को मुंहतोड़ जवा
सत्येंद्र सिंह, गुड़गांव : शराब तस्करों द्वारा गांव तिगरा में पुलिस पार्टी पर हुए हमले को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पुलिस आयुक्त ने एक योजना तैयार की है। उन्होंने सीधे तौर अपने अधीन काम करने वाले खुफिया विंग में पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाकर उन्हें माफिया का नेटवर्क तलाशने में लगा दिया है जिसके नतीजे भी जल्द आ सकते हैं। पुलिस तंत्र ने गुड़गांव कमिश्नरी में गैर लाइसेंसी शराब की बिक्री और तस्करी रोकने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यह कदम इसलिए उठाए जा रहे हैं क्योंकि सफेदपोश भी शराब तस्करी में लगे हुए हैं। लाइसेंस लेकर शराब का कारोबार करने वाले कुछ कारोबारी एक वैध काम कर चार अवैध काम कर रहे हैं। इस बात का खुलासा डेढ़ माह में जिला में बीस गैर लाइसेंसी ठेकों का खुलासा होने से हो चुका है। ठेके कुछ पुलिस कर्मियों व आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से सरेआम चल रहे थे। इलाका पुलिस तब सक्रिय हुई थी जब पुलिस आयुक्त ने अपनी स्पेशल टीम भेज छापेमारी कराई। अवैध ठेके बंद होने के बाद यह गोरखधंधा शराब माफिया के इशारे पर शहर में कई जगहों पर लगने वाली सब्जी मंडियों में फैलने लगा है। गैर कानूनी काम करने वाले भी तिलमिला उठे हैं। तिगरा में मंडी के अंदर ही खोखा लगा शराब का अवैध ठेका चलाया जा रहा था। इसे रोकने गए पुलिस कर्मियों पर हमला किया गया। जबकि अवैध शराब बेंचने का काम शहर के कई जगहों पर लगने वाली मंडियों में भी हो रहा है।
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''गैर लाइसेंसी शराब किसी भी हालत में नहीं बिकने देंगे। बीस गैर लाइसेंसी ठेके पकड़ एक माह में ही शराब की पेटी से लदे पांच ट्रक पकड़े जा चुके हैं। जल्द पटरी बाजारों में बिछाए गए जाल का भी काट दिया जाएगा। कानून विरोधी कार्य में कोई पुलिसकर्मी या अन्य विभाग का कर्मचारी अधिकारी संलिप्त मिला और सबूत लगे तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने में देर नहीं लगाई जाएगी।
- नवदीप सिंह विर्क, पुलिस आयुक्त।