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भाजपा में अंदरखाने मनभेद

योगेंद्र सिंह भदौरिया, गुड़गांव : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भले ही गुड़गांव में एकजुटता,

By Edited By: Published: Wed, 25 Mar 2015 06:27 PM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2015 06:27 PM (IST)
भाजपा में अंदरखाने मनभेद

योगेंद्र सिंह भदौरिया, गुड़गांव : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भले ही गुड़गांव में एकजुटता, कार्यकर्ताओं में तालमेल एवं उत्साह बढ़ाने का संदेश देकर गए हों, लेकिन यहां की पार्टी इकाई में कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ चल रहा है। शायद यही वजह है कि भू-जल संरक्षण पर भाजपा के पार्षद और डिप्टी मेयर परमिंदर कटारिया की ओर से आयोजित कार्यक्रम से मेयर, पार्षद, विधायकों के साथ ही जिला इकाई के अधिकतर नेताओं ने दूरी बना ली। इससे पार्टी में अंदुरूनी मतभेद का पता चलता है।

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जल संरक्षण के कार्यक्रम का सोशल साइटस से लेकर होर्डिग, कियोस्क, बैनर, पोस्टर सहित अन्य प्रकार से प्रचार-प्रसार किया गया था। बावजूद वहां पर दो-तीन पार्षद एवं भाजपा जिला इकाई के चार-पांच नेताओं ने ही शिरकत की। 22 मार्च को हुई कार्यक्रम में मेयर विमल यादव, सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा के साथ ही 35 में से तीस से अधिक पार्षद, सभी विधायक के अलावा भाजपा इकाई के नेताओं नहीं पहुंचे। किसी का कहना है कि उनके पास सूचना नहीं है, तो कइयों ने जवाब देना ही उचित नहीं समझा। वैसे भी निगम के पूर्व अधिकारियों की कार्यशैली की जांच के लिए मेयर की अगुवाई में गठित कमेटी में भी कटारिया को जगह नहीं दी गई है। हालांकि इसके लिए वह पूरा जोर लगा रहे हैं। दूसरी ओर कमेटी सदस्य सिर्फ उन्हें इसलिए इसमें शामिल करने से बच रहे हैं कि जिनकी जांच की जा रही उनसे इनके करीबी संबंध हैं। इससे जानकारी देने वाले लोगों के नाम पूर्व अधिकारी तक पहुंच जाएंगे वहीं जांच की हर जानकारी वहां जा सकती है। इस समय जो भी हालात हैं, उससे यह तो साफ है कि निगम चुनाव की गहमागहमी शुरू हो गई है।

कैसे एतबार करें

डिप्टी मेयर ने निगम चुनाव में भाजपा का टिकट न मिलने पर बागी के रूप में चुनाव लड़ा था। शायद यही कारण हैं कि अधिकतर भाजपा नेता उन्हें भाजपाई मानने को तैयार नहीं हैं। इनका कहना है कि जो पार्टी के आदेशों के विपरीत बागी होकर चुनाव लड़े उस पर कैसे एतबार करें।

निगम चुनाव के कारण सक्रियता

इस कार्यक्रम को अधिकतर पार्षद एक साल बाद होने वाले निगम चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। अधिकतर पार्षदों का कहना है कि अभी तक सीवर, सफाई, कूड़ेदान, मोबाइल टायलेट, तमाम कार्यो के ठेके अपने करीबियों को दिलाने में सक्रिय रहे और अब भाजपा नेताओं से नजदीकियां बढ़ाने में लग गए हैं।


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