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पुराने गुड़गांव से शुरू होगा भूमिगत सिस्टम पर काम

आदित्य राज, गुड़गांव : दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम अब जमीनी स्तर पर सिंगापुर की तर्ज पर चलने को त

By Edited By: Published: Wed, 04 Mar 2015 07:15 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2015 07:15 PM (IST)
पुराने गुड़गांव से शुरू होगा भूमिगत सिस्टम पर काम

आदित्य राज, गुड़गांव : दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम अब जमीनी स्तर पर सिंगापुर की तर्ज पर चलने को तैयार हो गया है। सिस्टम को भूमिगत करने की शुरुआत पुराने गुड़गांव से होगी। योजना बनाने की जिम्मेदारी गुड़गांव सर्किल के अधीक्षण अभियंता को सौंपी गई है।

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साइबर सिटी में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को भूमिगत करने के बारे में चर्चा वर्षो से चल रही थी लेकिन जुबानी। न ही इस बारे में कभी गंभीर चर्चा हुई और न ही भविष्य में भी योजना बनाने के ऊपर कभी कोई गंभीर चर्चा की गई। भूमिगत सिस्टम को लेकर दैनिक जागरण के अभियान ने नीचे से लेकर ऊपर तक अधिकारियों को सक्रिय कर दिया। नतीजा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अरुण कुमार वर्मा ने गुड़गांव सर्किल के अधीक्षण अभियंता संजीव चोपड़ा को योजना बनाने के बारे में जिम्मेदारी सौंपी दी। फिलहाल पुराने गुड़गांव में सिस्टम को भूमिगत करने के बारे में योजना बनाई जाएगी। पुराने गुड़गांव की हालत नए गुड़गांव के इलाके से भी दयनीय है। हर साल लोड सात से आठ प्रतिशत तक बढ़ रहा है लेकिन सिस्टम की क्षमता बढ़ाने के लिए जगह नहीं। लाइनें डालने की बात दूर अधिकांश इलाकों में बिजली के अतिरिक्त खंभे तक नहीं खड़ा कर सकते।

33 केवी क्षमता की होंगी लाइनें

पुराने गुड़गांव से लेकर नए गुड़गांव में आने वाले दिनों में लाइनों को 11 केवी से 33 केवी पर लाया जाएगा। भूमिगत 33 केवी लाइनें पूरी तरह डालने के बाद ही 11 केवी लाइनों को हटाया जाएगा। इसके लिए डिजाइन इस तरह तैयार किया जाएगा जिससे कि आगे कभी भी सिस्टम को अपग्रेड करने की आवश्यकता ही महसूस न हों। 33 केवी लाइनें डालने से एक ही लाइन में तीन गुणा बिजली आपूर्ति की जा सकेगी। इससे लोड चाहे जितना बढ़ जाए, लाइनों के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इससे न ट्रिपिंग का झंझट रहेगा और न ही ब्रेक डाउन का ही।

ऊपर नहीं दिखाई देंगी लाइनें

गुड़गांव में सेक्टर 58 से लेकर सेक्टर 115 तक नए सेक्टर विकसित किए जा रहे हैं। इनमें कहीं भी लाइन ऊपर नहीं दिखाई देंगी। पूरा सिस्टम 33 केवी स्तर पर भूमिगत होगा। केवल सब स्टेशन ही ऊपर दिखाई देंगे। पुराने गुड़गांव के साथ ही आने वाले नए सेक्टरों में भूमिगत सिस्टम विकसित करने के बाद बाकी इलाकों में सिस्टम को भूमिगत करने की योजना तैयार की जाएगी। कालोनाइजरों के इलाके में संबंधित कालोनाइजर को सिस्टम भूमिगत करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

योजना तैयार होते ही काम होगा

''पुराने गुड़गांव में जगह की कमी को देखते हुए भूमिगत सिस्टम करने के बोर में कभी-कभी चर्चा चलती थी लेकिन कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया। दैनिक जागरण ने भूमिगत सिस्टम की ओर से विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया है। वैसे पूरी साइबर सिटी में ही लेकिन फिलहाल पुराने गुड़गांव के इलाके में सिस्टम को भूमिगत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। डिमांड बढ़ रही है लेकिन सिस्टम की क्षमता बढ़ाना अधिक संभव नहीं। अधीक्षण अभियंता को कहा है कि वे जल्द से जल्द योजना बनाकर दें ताकि आगे की कार्यवाही शुरू हो सके। जितनी जल्द योजना बनाएंगे उतनी जल्द आगे का काम शुरू होगा।''

- अरुण कुमार वर्मा, प्रबंध निदेशक, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम


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