अतिक्रमण से सिमटा सदर बाजार
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी दस्ता निष्क्रिय क्या हुआ कि सदर बाजार में
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी दस्ता निष्क्रिय क्या हुआ कि सदर बाजार में पैदल आवाजाही भी मुश्किल हो गई। दुकानों का सामान एक बार फिर रोड तक पहुंच गया। अतिक्रमण के साथ ही इस मार्केट एवं आसपास की जगहों पर पार्किंग की जगह न होने से वाहन चालक रोड पर ही वाहन पार्क कर रहे हैं। इस वजह से भी जाम की स्थिति भी बन जाती है।
शहर के सबसे पुराने इस बाजार में एक बार फिर अतिक्रमण ने अपने पैर पसार लिए हैं। करीब 20-25 फीट चौड़ी सड़क अब संकरी गली में तब्दील हो चुकी है। किसी दुकानदार ने स्थायी तो किसी ने अस्थायी रूप से कब्जा जमा रखा है। प्रतिस्पर्धा के चलते दुकानदार भी दुकान का अधिकतर सामान रोड तक पसार कर उसका डिस्प्ले कर रहे हैं। इस कारण सदर बाजार में खरीदारी करने के लिए आने वाले लोगों को खासी समस्याओं से जूझना होता है। हालात यह हैं कि यहां पैदल आवाजाही करना किसी मुसीबत से कम नहीं है। निगम दस्ता करीब तीन-चार माह से सदर बाजार तो क्या कहीं पर भी अतिक्रमण हटाने को लेकर कुछ नहीं कर रहा है। मेयर विमल यादव कहते हैं कि इस समस्या के निदान के लिए जल्द ही बैठक बुलाएंगे।
भेदभाव पूर्ण चलता है अभियान
दुकानदारों का कहना है कि वे भी अतिक्रमण के पक्ष में नहीं है। निगम का दस्ता भेदभावपूर्ण तरीके से कब्जा हटाता है। किसी का सामान जब्त करता है, तो किसी को राहत दे देता है। साथ ही कई बार बड़े दुकानदारों की ओर तो वह रुख ही नहीं करता है। इसीलिए निगम कार्रवाई का विरोध होता है।
व्यापारी संजय बोहरा का कहना है कि निगम को पहले यहां सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए उसके बाद अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू करनी चाहिए। व्यापारी सुमेर सिंह का कहना है कि बेहतर इंतजाम होंगे तो लोग अधिक संख्या में आएंगे। निगम इस दिशा में कोई काम नहीं कर रहा।
शौचालय व पार्किंग की भी दिक्कत
सदर बाजार में शहर से लेकर आसपास गांव के लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। बावजूद इसके इस मार्केट में न तो पार्किंग की व्यवस्था है न ही शौचालय की। एक-दो शौचालय हैं भी तो उनकी हालात इतनी खराब है कि वे उपयोग के लायक नहीं हैं। रही बात पार्किंग की तो वाहन चालक रोड पर ही वाहन पार्क करते हैं। जबकि पहले सदर बाजार क्षेत्र में आधा दर्जन जगहों पर पार्किंग की साइट थी लेकिन आज एक भी नहीं बची।