सौर ऊर्जा से चलने वाली 'कार' बनाई
प्रियंका दुबे मेहता, गुड़गांव भारत के पास ऊर्जा का एक मात्र स्रोत कोयला है। ऐसे में भारत को अक्षय
प्रियंका दुबे मेहता, गुड़गांव
भारत के पास ऊर्जा का एक मात्र स्रोत कोयला है। ऐसे में भारत को अक्षय ऊर्जा स्रोतों को विकसित करने पर काम करना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल के दौरे के दौरान यह सलाह दी है। हालांकि शहर के सेक्टर 46 निवासी प्रणव कौशिक इस दिशा में वर्षो से कार्य कर रहे हैं। इन्होंने इसके लिए न केवल एक प्लांट विकसित किया है, बल्कि सौर ऊर्जा से चलने वाले दोपहिया, तिपहिया वाहनों के अलावा एक कार भी बनाई है।
एक जानी मानी विमानन कंपनी में कैप्टन के तौर पर कार्यरत प्रणव का कहना है कि ऊर्जा स्रोत के तौर पर भारत मुख्य रूप से कोयले पर निर्भर है, लेकिन आने वाले समय में कोयला खत्म होता जाएगा। ऐसे में हमें नए ऊर्जा स्रोतों को खोजना है। प्रणव के मुताबिक यही विचार उनके दिमाग में वर्षो से कौंध रहे थे। एक दिन रेवा ड्राइव पर गया तो अचानक आइडिया आया कि अगर यह कार बिजली से चल सकती है तो फिर वे खुद क्यों न इस तरह की बाइक व कार बनाएं। उन्होंने वर्षो इस पर काम किया और फिर बाइक, कार व तिपहिया वाहनों के साथ प्रयोग शुरू किया। उन्हें सफलता भी मिली, लेकिन उन्हें दुख इस बात का है कि सड़क एक्ट के तहत उन्हें पंजीकरण के लिए सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा है। प्रणव के मुताबिक वे इस काम में अपने आप को पूरी तरह लगाए हुए हैं। वह एनएच आठ पर फार्म हाउस में अक्षय ऊर्जा का एक प्लांट भी विकसित कर रहे हैं। वे अपने पिता व उत्थान एनजीओ के संस्थापक संजय कौशिक के साथ मिलकर अक्षय ऊर्जा व सौर ऊर्जा के प्रति लोगों में जागरूकता फैला रहे हैं। उनके मुताबिक आने वाले समय में यह चीजें बेहद सुविधाजनक साबित होने वाली हैं। प्रणव द्वारा बनाए वाहन एक चार्ज में पचास से साठ किलोमीटर तक चल सकते हैं। इन वाहनों पर वे ऊपर की तरफ सौर ऊर्जा पैनल लगाते हैं जिससे बैटरी अपने आप चार्ज होती रहती है। साथ ही इसे मोबाइल फोन की तरह भी चार्ज किया जा सकता है। उनके मुताबिक अगर ऊर्जा के स्रोतों के रूप में अक्षय ऊर्जा के बारे में सरकार सोचे तो आने वाले समय में ऊर्जा की समस्या से निजात पायी जा सकती है।