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डॉक्टर को भेजा फरुखनगर

जागरण संवाददता,गुड़गांव : बीते मंगलवार की रात जिला अस्पताल में तीन महिलाओं की डिलीवरी शौचालय में होने

By Edited By: Published: Sat, 31 Jan 2015 06:56 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jan 2015 06:56 PM (IST)
डॉक्टर को भेजा फरुखनगर

जागरण संवाददता,गुड़गांव : बीते मंगलवार की रात जिला अस्पताल में तीन महिलाओं की डिलीवरी शौचालय में होने की शिकायत के बाद से स्वास्थ्य विभाग हरकत में जरूर आया है, लेकिन यह महज एक दिखावा लग रहा है। कार्रवाई के नाम पर फिलहाल जिला स्वास्थ्य विभाग ने डाक्टर को फर्रुखनगर भेज दिया और नर्स को अन्य ड्यूटी दे दी है। वैसे विभाग जांच में डाक्टर व एक स्टाफ नर्स को जिम्मेदार ठहराकर जांच रिपोर्ट चंडीगढ़ भेजने का दावा किया गया।

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जबकि ऐसी रिपोर्ट पहले भी भेजी गई है, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात वाली हुआ है। करीब डेढ़ वर्ष पहले एक ट्रेनी महिला डाक्टर ने जिला स्वास्थ्य विभाग के पूर्व बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर के खिलाफ शिकायत दी थी कि रात के समय विशेषज्ञ डाक्टर ने ट्रेनी डाक्टर के साथ छेड़छाड़ की थी। जिला स्वास्थ्य विभाग ने उस रिपोर्ट को चंडीगढ़ भेजा था और उसे सेक्शन 7 में चार्जशीट किया गया, लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि उस डाक्टर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को पुलिस के पास रिपोर्ट करनी चाहिए थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने मामले की फाइल चंडीगढ़ भेजकर अपना पलड़ा झाड़ लिया। यही किस्सा अब शौचालय में जन्मे बच्चों के मामले में भी दोहराया जा रहा है। अभी हाल में डिलीवरी के आई तीन महिलाओं को निजी अस्पताल में रेफर करने की जाच पूरी नहीं हुई है। जबकि यहीं के डॉक्टर स्तर के कर्मचारी को जांच करनी है। लेकिन लंबा टाइम लगाया जा रहा है ताकि मामला भूला दिया जाए। पिछले दो वर्षो में एंबुलेंस व अस्पातल के गेट पर डिलीवरी के मामले सामने आए। लेकिन अब तक किसी के मामले की जांच पूरी नहीं हुई। जिस जांच को पूरा करके चंडीगढ़ भेजा गया, उस पर चंडीगढ़ बैठे अधिकारियों ने कोई एक्शन नहीं लिया।

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दो दिन पहले शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवा निदेशक डा. प्रवीण गर्ग इस मामले की जांच करने पहुंचे थे। जबकि डेढ़-दो वर्ष पहले वे स्वयं जिला गुड़गांव में सिविल सर्जन के पद पर कार्यरत थे, उस समय भी ऐसे मामले सामने आए थे। तब उन्होंने कुछ नहीं किया था।

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क्या है सेक्शन 7

ऐसा नहीं है कि सेक्शन 7 असरदार नहीं है। इसमें दोषी का प्रमोशन रोका जा सकता है। इन्क्रीमेंट रोकने के साथ उसे सस्पेंड भी किया जा सकता है, लेकिन यह अधिकारियों पर निर्भर करता है कि वह शिकायत पर क्या और कैसी कार्रवाई करते हैं। अगर फाइल दबाई जाए, तो कुछ नहीं होगा।

-डा. एसएस दलाल, पूर्व निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, हरियाणा।

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स्टाफ नर्स के खिलाफ जांच करके उच्च अधिकारियों के पास रिपोर्ट चंडीगढ़ भेजी गई है। वहां से जो भी आदेश आएगा, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

-डा. पुष्पा बिश्नोई, सिविल सर्जन।


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