सड़कों पर उतरने की तैयारी
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : आयुध डिपो के प्रतिबंधित नौ सौ मीटर दायरे में बुनियादी सुविधाओं के लिए एक
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : आयुध डिपो के प्रतिबंधित नौ सौ मीटर दायरे में बुनियादी सुविधाओं के लिए एक बार फिर लोग सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। लोगों की समस्याओं का निदान करने के लिए गुड़गांव सिटीजन काउंसिल सामने आई है। उसकी अगुवाई में 2 फरवरी को प्रतिबंधित दायरे के क्षेत्र में रहने वाले लोग रैली निकालेंगे। साथ ही निगमायुक्त को ज्ञापन सौंपेंगे ताकि उनकी समस्याओं का निदान हो सके।
बृहस्पतिवार को मीडिया से रूबरू हुए काउंसिल प्रधान आरएस राठी ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश होने के बावजूद निगम वहां पर किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं दे रहा है। उल्टे वह बिना नोटिस दिए पुराने मकानों को तोड़ रहा है। दो माह पूर्व जब इसका विरोध करते हुए ज्ञापन देने गए तो निगमायुक्त अपने कार्यालय से बाहर ही नहीं आए। इस पर तत्कालीन मंडलायुक्त प्रदीप कासनी को ज्ञापन सौंपा था। शांति पूर्वक प्रदर्शन करने के उपरांत भी निगम ने दस-बारह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया था।
काउंसिल के उपप्रधान शम्मी अहलावत व अतर सिंह संधू ने बताया कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय किशन एवं अरुण पल्ली ने 31 जनवरी 2014 को इस दायरे में रहने वाले लोगों को बिजली-पानी देने के निर्देश दिए लेकिन एक साल बाद भी उसका पालन नहीं किया जा रहा है। इसकी वजह से अब दूसरा रास्ता अख्तियार करने की ओर कदम बढ़ाए हैं। 2 फरवरी को शांतिपूर्वक रैली निकालकर ज्ञापन सौंपेंगे। मौके पर शिव शंकर, संजय ठाकुर, शेषनाग, विजय, मनोज अहलावत, कुलदीप जांगू, प्रमोद गुप्ता, प्रेम शर्मा सहित विभिन्न आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी मौजूद थे।
सरकार बदलने का क्या फायदा
राठी ने बताया कि नई सरकार से उम्मीद थी कि इस दायरे की समस्या दूर हो जाएगी। प्रदेश में नई सरकार के गठन को चार माह हो गए लेकिन इस एरिये में रहने वाले लोगों के अच्छे दिन अभी तक नहीं आए।
नेताओं को अपना वादा याद नहीं
लोगों ने कहा कि स्थानीय विधायक व सांसद ने चुनाव के समय उनकी समस्या का निदान सबसे पहले कराने का दावा किया था। चुनाव जीतने के बाद वह इस मुद्दे पर बात करना ही नहीं चाहते हैं। सांसद से दिल्ली मिलने गए लेकिन उन्होंने कोई सहयोग देने का आश्वासन तक नहीं दिया। इसी प्रकार विधायक भी इस मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।