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रेलवे स्टेशन की सुरक्षा में छेद ही छेद

जागरण संवाददाता, गुड़गांव: अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के 122 सदस्य गुड़गांव में ठहरे तो जमीन से आसमान तक

By Edited By: Published: Wed, 28 Jan 2015 05:34 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jan 2015 05:34 PM (IST)
रेलवे स्टेशन की सुरक्षा में छेद ही छेद

जागरण संवाददाता, गुड़गांव: अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के 122 सदस्य गुड़गांव में ठहरे तो जमीन से आसमान तक पहरा हो गया। पूरा इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया, लेकिन यहां के रेलवे स्टेशन पर रोजाना 40 हजार लोगों की आवाजाही होती है, फिर भी सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे है। स्टेशन की सुरक्षा में आज भी कई ऐसे सुराक हैं, जहां से कोई भी अवांछित तत्व व्यवस्था को चुनौती दे सकता है। कहने को तो कुछ दिन पहले मुख्य प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर तो लगाया गया, लेकिन यह इस लिहाज से बेकार लगता है कि स्टेशन परिसर में आसानी से पहुंचने के लिए अब भी कई रास्ते खुले हुए हैं। स्टेशन की सुरक्षा का जायजा लेने पर अधिकारियों के दावों की कलई खुल गई। सुरक्षा में खामी उस स्थिति में और हैरान करती है, जब इस स्टेशन को उड़ाने की धमकी कई बार मिल चुकी है।

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खामी नंबर एक

स्टेट बैंक के एटीएम के समीप दीवार की ऊंचाई इतनी कम है कि इस दीवार को कूदकर यात्री आसानी से प्लेट फार्म नंबर एक पर पहुंच जाते हैं। जब-जब रेल गाड़ियों का आवागमन होता है तो यात्रियों को दीवार लांघकर प्लेटफार्म पर आते-जाते देखा जा सकता है। कहने को प्लेट फार्म नंबर पर ही चंद कदम की दूरी पर रेलवे सुरक्षा बल का कार्यालय है, लेकिन शायद ही कभी कोई सुरक्षा कर्मी दीवार कूदकर आने वाले यात्रियों की टोका टाकी करता हो।

खामी नंबर दो

प्लेट फार्म संख्या एक पर ही राजकीय रेलवे पुलिस चौकी के समीप से एक रास्ता विष्णु गार्डन कालोनी के अंदर जाता है। इससे प्रतिदिन हजारों व्यक्तियों का स्टेशन पर आवागमन होता है, जहां सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं हैं। यहां से अंदर आकर कोई भी व्यक्ति आसानी से पूरे स्टेशन परिसर में घूम सकता है।

खामी नंबर तीन

रेलवे लाइन के दूसरी तरफ राजेन्द्र पार्क कालोनी हैं। यहां के वाशिंदे भी प्रतिदिन इसी स्टेशन से होकर गुजरते हैं, उन्हें पुराने गुड़गांव की तरफ आना तो स्टेशन का रास्ता ही उन्हें सबसे करीबी लगता है। इतना ही नहीं जब कालोनी के लोग बड़ी संख्या में स्टेशन से ही अपने घरों में पानी का प्रबंध करते हैं। कहने को अभी रेलवे ने कुछ क्षेत्र में चारदीवारी करवाई गई, लेकिन कई रास्ते कालोनी और स्टेशन के बीच में दिए हैं, लेकिन न वहां मेटल डिटेक्टर है और न ही कोई सुरक्षा कर्मी।

खामी नंबर चार

रेवाड़ी और दिल्ली की तरफ से रेलवे लाइन से होकर आसानी से कोई भी व्यक्ति स्टेशन पर पर पहुंच सकता है। इन लाइनों से प्रतिदिन सैकड़ों लोग प्लेटफार्म पर आते हैं। इनके आवागमन को रोकने के लिए रेलवे एक्ट में प्रावधान तो है, लेकिन सुरक्षा कर्मियों की पर्याप्त संख्या का अभाव इस एक्ट के पालन में बहुत बड़ी बाधा बन जाता है।

जागरण सुझाव

-स्टेशन पर सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।

-राजेन्द्र पार्क की तरफ बनाई गई दीवार को और ऊंचा कर कंटीले तार लगाए जाएं।

-जहां से रास्ते हैं, वहां भी मेटल डिटेक्टर लगा सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाएं।

-राजकीय रेलवे पुलिस चौकी के समीप खुले रास्ते पर भी मेटल डिटेक्टर लगाकर सुरक्षा कर्मी तैनात किया जाए।

-स्टेट बैंक एटीएम के साथ वाली दीवार को ऊंचा कर कंटीली तार लगाई जाएं।

-सुरक्षा कर्मी रेलवे एक्ट के तहत उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें जो रेलवे लाइनों से होकर गुजरते हैं

-पूरे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए।

' स्टेशन की सुरक्षा में खामियों की जानकारी मुझे अब मिल रही है। इस मामले को वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाकर इन कमियों को जल्द से जल्द दूर किया जाएगा'

-अतर सिंह नेगी, जन संपर्क अधिकारी, उत्तर रेलवे।


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