साक्षात्कार : '12 लाख यूए नंबर हो चुके हैं जारी'
फोटो 21 जीयूआर 3 गुड़गांव: साइबर सिटी और इसके आसपास बहुत तेजी से प्रतिष्ठानों की संख्या बढ़ रही है।
फोटो 21 जीयूआर 3
गुड़गांव: साइबर सिटी और इसके आसपास बहुत तेजी से प्रतिष्ठानों की संख्या बढ़ रही है। इस वजह से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के दायरे में आने वाले कर्मियों की संख्या भी बढ़ रही है। गुड़गांव जोन में वर्ष 2001 के दौरान पीएफ खाता धारकों की संख्या दो लाख थी, जो अब बढ़कर 60 लाख से अधिक हो चुकी है। तनख्वाह का दायरा भी 6500 रुपये से बढ़ाकर अब 15000 रुपये कर दिया गया है। इससे कर्मियों की संख्या में आगे और बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। लेकिन मैन पावर बढ़ने की बजाय कम होती जा रही है। ऐसी स्थिति में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए समय पर काम पूरा करना चुनौती से कम नहीं है। आखिर किस प्रकार निर्धारित समय के दौरान क्लेम सेटलमेंट के मामले निबटाए जाएंगे। प्रतिष्ठानों से कैसे लगातार संपर्क में बनाये रखा जाएगा। 60 लाख एकाउंट को कैसे कम मैन पावर में अप-टू-डेट रखेंगे। ऐसे ही कई तरह के सवालों को लेकर दैनिक जागरण के संवाददाता आदित्य राज ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय आयुक्त (ग्रेड एक) राजीव बिष्ट से बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश :-
गुड़गांव जोन में पीएफ खाता धारकों की संख्या पिछले 13 वर्षो में 30 गुना बढ़ गई है। जबकि इस हिसाब से विभाग में मैन पावर नहीं बढ़ा। व्यवस्था कैसे संभल पाएगी?
-देखिए, अब ऑनलाइन काम करने का जमाना है। अधिकांश कार्य ऑनलाइन हो चुके हैं। ऐसे में एकाउंट की संख्या बढ़ने के बाद भी कार्यबोझ इतना नहीं बढ़ा है कि जिसे संभाला ना जा सके। प्रतिष्ठानों की समस्याओं को सुनने के लिए कार्यालय में कॉल सेंटर स्थापित कर दिया गया है। इसमें प्रतिदिन दो कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। फोन नंबर 0124-2578637, एवं 0124-2578638 पर प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि संपर्क कर सकते हैं। यही नहीं बहुत से प्रतिष्ठानों की ओर से ईमेल के माध्यम से जानकारी आती है। पहले संगठन की ओर से ईमेल से जवाब नहीं दिया जाता था। इस दिशा में भी काम शुरू होगा। जो प्रतिष्ठान ईमेल से सूचना देंगे, उन्हें संगठन की ओर से भी ईमेल के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। प्रतिष्ठानों की ओर से ईमेल मिलने की जानकारी भी ईमेल से दी जाएगी।
एकाउंट के मामले में गुड़गांव की देश में क्या स्थिति है?
-देश के पहले चार कार्यालयों में एक गुड़गांव शामिल हो चुका है। यहां पर एकाउंट की संख्या 60 लाख 61 हजार से भी अधिक पहुंच चुकी है। वेतन सीमा 6500 से बढ़ाकर 15000 किए जाने के बाद एकाउंट की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी होगी। इसे देखते हुए अभी से ही तैयारी की जा रही है। जितने भी लंबित मामले हैं, उनका निबटारा किया जा रहा है। खासकर क्लेम सेटलमेंट के 30 हजार से अधिक मामले प्रति माह निबटाए जा रहे हैं। अब लंबित मामलों की संख्या केवल 18 हजार रह गई है। नियम बना दिया गया है कि 15 दिन के भीतर किसी भी मामले का निबटारा किया जाएगा। जब लंबित मामले रहेंगे नहीं, फिर आगे परेशानी पैदा नहीं होगी।
यूनिवर्सल एकाउंट नंबर जारी करने की क्या स्थिति है?
-यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (यूएएन) जारी करने के मामले में भी गुड़गांव कार्यालय का बेहतर स्थान है। अब तक लगभग 12 लाख नंबर जारी किए जा चुके हैं। इनमें छह लाख कर्मियों के बैंक एकाउंट से लेकर आधार नंबर संगठन को प्राप्त हो चुके हैं। यही नहीं 90 हजार कर्मियों ने अपना नंबर एक्टिवेट कर लिया है। हालांकि एकाउंट की संख्या के हिसाब से एक्टिवेट करने वालों की संख्या काफी कम है। इसके लिए समय-समय पर विभिन्न प्रतिष्ठानों में संगोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। जब तक प्रतिष्ठान जागरूक नहीं होंगे, किसी भी योजना का जल्द से जल्द लाभ नहीं उठाया जा सकता है। यूएएन एक ऐसी सुविधा है, जिससे कर्मी कहीं भी काम करे एकाउंट नंबर नहीं बदलेगा। पहले नौकरी बदलते ही एकाउंट नंबर बदल जाता था।
बहुत से प्रतिष्ठान सही से पीएफ राशि जमा नहीं कराते हैं?
-यह सच्चाई है कि बहुत से ऐसे प्रतिष्ठान हैं, जो सही से पीएफ राशि जमा नहीं कराते हैं। ऐसे प्रतिष्ठानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जो गलत पकड़े जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। ठेकेदारों के कर्मियों के साथ इस प्रकार की परेशानी है। ऐसी भी शिकायत आती है कि ठेकेदार काम पर जितने कर्मियों को रखते हैं, उतने को रजिस्टर में दिखाते नहीं। ऐसी स्थिति में उन्हें पकड़वाने के लिए कर्मी लिखित रूप से शिकायत दर्ज कराएं। शिकायत के आधार पर जांच की जाएगी।
मैन पावर की कमी दूर करने के लिए क्या प्रयास करेंगे?
-मैन पावर की कमी दूर करना सरकार का काम है। मेरा काम है मौजूद संसाधनों में काम कराना। कम मैन पावर में बेहतर रिजल्ट के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहित करना होगा। इसके लिए हर महीने बेहतर करने वाले कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा। इस दिशा में पहले भी प्रयास किए गए हैं। इस वजह से ही कम मैन पावर में अधिक काम हो रहे हैं। वह प्रतिष्ठानों से अपील करना चाहेंगे कि वे समय से राशि जमा कराएं। खासकर यूनिवर्सल एकाउंट नंबर के लिए सक्रियता दिखाएं। जिनको नंबर जारी हो चुका है उन कर्मियों का बैंक एकाउंट या आधार कार्ड नंबर जमा कराएं।
-अधिकांश कर्मियों के पास बैंक खाता ही नहीं है? क्या कहेंगे?
-दायरे में आनेवाले जिन कर्मियों के पास बैंक एकाउंट नंबर नहीं है, आधार कार्ड नहीं बना है, तो उनके लिए जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यालय में कैंप लगाया जाएगा। बैंकों से आग्रह किया जाएगा कि वे दायरे में आनेवाले कर्मियों का बैंक एकाउंट खोलें। बिना बैंक एकाउंट या आधार कार्ड नंबर जमा कराए यूनिवर्सल एकाउंट नंबर एक्टिवेट नहीं होगा।
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परिचय
नाम : राजीव बिष्ट
जन्मतिथि : 1 सितंबर 1972
जन्म स्थान : देहरादून
शिक्षा : स्नातकोत्तर
सेवा : 1997 में सहायक भविष्य निधि आयुक्त के पद पर चंडीगढ़ से सेवा शुरू की। इसके बाद नोएडा, दिल्ली में जनकपुरी शाखा, दिल्ली केंद्रीय कार्यालय, दिल्ली दक्षिणी कार्यालय में सहायक भविष्य निधि आयुक्त के पद पर रहे। क्षेत्रीय आयुक्त (ग्रेड दो) पदोन्नत होने के बाद दिल्ली मुख्यालय में रहे। क्षेत्रीय आयुक्त (ग्रेड एक) पदोन्नत होने के बाद क्षेत्रीय आयुक्त देहरादून की जिम्मेदारी मिली। फिलहाल 11 नवंबर से गुड़गांव में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (ग्रेड एक) की जिम्मेदारी।