आधार कार्ड बनवाना किसी चुनौती से कम नहीं
फोटो 17 जीयूआर 3 जेपीजी - कई समस्याओं से जूझने को लोग विवश - मशीन की सीमित संख्या से लग रही लं
फोटो 17 जीयूआर 3 जेपीजी
- कई समस्याओं से जूझने को लोग विवश
- मशीन की सीमित संख्या से लग रही लंबी कतार
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : ''करीब पांच किलोमीटर का रास्ता तय कर आई हूं लेकिन यहां पर बैठने का भी इंतजाम नहीं है। पीने का पानी भी नहीं मिल रहा। बच्चे की स्कूल की छुट्टी कराकर उसे अपने साथ लेकर आई हूं लेकिन यहां पर लंबी लाइन देखकर परेशान हूं। अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रहीं हूं लेकिन कोई सुनने को भी तैयार नहीं है। ठंड के चलते खड़े रहने में दिक्कत हो रही है पर पेंशन के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता के चलते एक घंटे से लाइन में लगी हुई हूं।''
यह दर्द सूरत नगर की रहने वाली कौशल्या जैसी कई महिलाओं का है। जिला अस्पताल के सामने स्थित निगम कार्यालय परिसर में आधार कार्ड भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) बनाने के लिए तीन मशीन लगा रखी हैं। कार्ड बनाने वाले कर्मी कोई बात सुनने को भी तैयार नहीं हैं। कोई स्कूल से अपने बच्चों की छुट्टी कराकर कार्ड बनाने के लिए यहां आया है, तो कोई कार्यालय की छुट्टी कर। यहां के हालात देखकर साफ लग रहा है कि आधार कार्ड बनवाना किसी चुनौती से कम नहीं है। आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद लोग कार्ड बनवाने के लिए आगे तो आ रहे हैं लेकिन उन्हें कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। साथ ही जहां कार्ड बनाए जा रहे वहां लोगों की सुविधा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। साथ ही सीमित मशीन होने के कारण लोगों को काफी समय कतार में लगकर अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ रहा है। निगम अधिकारी इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं कर रहे हैं। इससे भी लोगों में नाराजगी है। राजेंद्रा पार्क के पुरुषोतम का कहना है कि कार्ड को अनिवार्य करने से पहले वार्ड में शिविर लगाकर कार्ड बनवाना चाहिए थे।
वार्ड वाइज बनाएं कार्ड
मेयर से लेकर पार्षदों ने वार्ड वाइज आधार कार्ड बनाने को लेकर आवाज उठाई है। इनका कहना है कि शहर में तीन-चार जगह ही कार्ड बनाने का काम चल रहा है। इसके चलते दूर-दूर से लोगों को यहां आना पड़ रहा है। यदि वार्ड वाइज कार्ड बनाने की व्यवस्था की जाए तो लोगों को खासी राहत हो सकती है।
पांच लाख गैस उपभोक्ता
जिले में इडेन, हिदुस्तान पेट्रोलियम तथा भारत पेट्रोलियम तेल कंपनियों के कुल 4 लाख 92 हजार 126 उपभोक्ता हैं। इनमें से लगभग 20 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने ही अब तक अपने गैस कनेक्शन के साथ बैंक खाते को लिंक करवाया है। यहां पर विभिन्न कंपनियो के 31 वितरक हैं।
इस पर दिया जाए ध्यान
-जहां पर भी कार्ड बनाए जा रहे वहां पर लोगों के बैठने व पानी की व्यवस्था की जाए।
-लोगों को कार्ड बनाने के लिए अधिक दूरी न तय करनी पड़े इसके लिए हर वार्ड में तीन-चार जगह कार्ड बनवाने की व्यवस्था की जाए
- लोगों को जागरूक करने के लिए उचित कदम उठाएं
-जहां कार्ड बनाए जा रहे उन जगहों का प्रचार-प्रसार कराया जाए ताकि लोग अपने निकट के सेंटर पर पहुंचकर कार्ड बना सकें
73 प्रतिशत के बने कार्ड
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जिले के 73 प्रतिशत लोगों के पास आधार कार्ड हैं। शत प्रतिशत लोगों के कार्ड बनाने के लिए छह माह का समय निर्धारित किया गया है। इसके लिए शिक्षण संस्थानों तथा घरेलू गैस उपभोक्ताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
95 मशीनों की जरूरत
जिला प्रशासन का अनुमान है कि शत प्रतिशत कार्ड बनाने के लिए करीब 95 मशीनों की आवश्यकता है। जबकि वर्तमान में 36 मशीनें काम कर रही हैं। इसके लिए जल्द ही अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय परिसर में कुछ मशीनें लगाई जाएंगी। यहां पर शाम पांच बजे से रात 12 बजे तक काम होगा। ताकि कामकाजी लोग यहां पर आकर अपने कार्ड बनवा सकें।
छह महीने में शत प्रतिशत कार्ड बनाने का प्रयास
''आधार कार्ड बनवाना अनिवार्य है। इसके लिए पर्याप्त मशीन व स्टाफ है। मातहतों को निर्देश दिए गए हैं कि जहां भी पचास से अधिक लोग कार्ड बनवाना चाहते हैं वहां पर मशीन लगाएं ताकि लोगों को दिक्कत न हो। बावजूद यदि कहीं पर दिक्कत है और लोग परेशान हैं, तो उन समस्याओं को दूर करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। हमारा लक्ष्य है कि छह माह में शत प्रतिशत लोगों के कार्ड बनाना है।''
-टीएल सत्यप्रकाश, उपायुक्त।